दिल्ली से उड़ान होगी बटुए पर भारी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 12:27 AM IST

दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ान भरने वाले यात्रियों को अगले महीने से अधिक किराया चुकाना पड़ेगा। सरकार ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा के आधुनिकीकरण के लिए यात्रियों से शुल्क वसूलने की इजाजत दे दी है।
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (डायल) विकास शुल्क के तौर पर अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरने वाले यात्रियों से 1,300 रुपये और घरेलू उड़ान भरने वाले यात्रियों से 200 रुपये वसूलेगी। यात्रियों को अपनी टिकट लागत के ऊपर यह विकास शुल्क देना होगा जो एक मार्च से शुरू होकर 36 माह के लिए लगेगा।
नागरिक विमानन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह शुल्क पूरी तरह से तदर्थ आधार पर लगाया जा रहा है और केवल 36 महीनों के लिए होगा। इस शुल्क में सभी तरह के कर शामिल होंगे। 

उन्होंने बताया कि जीएमआर की अगुवाई वाली डायल यह राशि एकत्रित करेगी और इसे एक अलग एस्क्रू अकाउंट यानी सुरक्षित खाते में जमा कराएगी।
इसका इस्तेमाल सिर्फ एयरोनॉटिकल परिसंपत्तियों के विकास में किया जाएगा। याद रहे कि मास्टर प्लान के तहत आईजीआई हवाईअड्डे के आधुनिकीकरण और विकास का जिम्मा डायल को सौंपा गया है।
हालांकि इस मंजूरी की समीक्षा के दौरान कई तथ्यों को ध्यान में रखा जाएगा, जैसा कि डायल को विकास शुल्क लगाने के 6 महीनों के अंदर परियोजना के खर्च की अंतिम रिपोर्ट जमा करानी होगी। इस रिपोर्ट के जमा कराने के बाद ही आगे शुल्क वसूलने के बारे में केंद्र सरकार कोई फैसला लेगी।
परियोजना खर्च की इस रिपोर्ट की ऑडिटिंग स्वतंत्र तकनीकी ऑडिटर से कराई जाएगी जिसकी नियुक्ति भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) या फिर नियामक या सरकार करेगी। 

विकास शुल्क वसूलने की अनुमति दरअसल कई शर्तों के साथ दी गई है जिसमें शुल्क की प्राप्तियों को अलग से एस्क्रू खाते में जमा कराने की भी शर्त है।
इस एस्क्रू खाते की निगरानी का जिम्मा एएआई और केंद्र सरकार के पास होगा जो यह सुनिश्चित करेंगी कि वसूली कई शुल्क को खाते में जमा कराया जा रहा है और उस रकम का इस्तेमाल भी हवाईअड्डा आधुनिकीकरण के लिए ही किया जा रहा है।
दोनों ही को यह अधिकार होगा कि अगर डायल इस रकम का उचित इस्तेमाल नहीं करती है तो पैसे की निकासी पर रोक लगाई जाए। फिलहाल डायल के दूसरे एस्क्रू खातों के जरिए इक्विटी और डेट फंडों का हिसाब रखा जाता है।
डायल को हर महीने केंद्र सरकार या नियामकों को यह सूचित करना पड़ेगा कि विकास शुल्क के तौर पर कितनी रकम जमा की गई है और उनका इस्तेमाल किन कामों के लिए किया जा रहा है। 
किसी भी सूरत में विकास शुल्क के जरिए 1,827 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली नहीं की जा सकती है। अगर आधुनिकीकरण पर खर्च की जाने वाली रकम वसूली गई शुल्क से कम होती है तो  शुल्क वसूली की अधिकतम सीमा को कम भी किया जा सकता है।
महंगी होगी उड़ान
1 मार्च से देना पड़ेगा हवाईअड्डा विकास शुल्क 

घरेलू उड़ान के लिए 200 और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए लगेंगे अतिरिक्त 1,300 रुपये

First Published : February 9, 2009 | 8:35 PM IST