उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित देश का सबसे लंबा गंगा एक्सप्रेसवे निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) के आधार पर बनेगा। इस 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण 12 पैकेजों में किया जाएगा और जल्दी ही इसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया जाएगा।
इस एक्सप्रेसवे को बनाने वाली कंपनियों के चयन की प्रक्रिया इसी महीने शुरू हो जाएगी और दिसंबर में इसका शिलान्यास किया जा सकता है। प्रदेश के पश्चिम से लेकर पूर्व के 12 जिलों को जोडऩे वाले इस एक्सप्रेसवे में शाहजहांपुर के पास हवाईपट्टी का भी निर्माण किया जाएगा, जहां लड़ाकू विमान आपात स्थितियों में उतर सकेंगे।
सोमवार को प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के सामने गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया गया और अब तक की कार्रवाई की जानकारी दी गई।
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना की नोडल एजेंसी यूपी इंडस्ट्रियल ऐंड एक्सप्रेसवेज अथॉरिटी (यूपीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अवनीश कुमार अवस्थी के मुताबिक परियोजना के तहत पीपीपी मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनैंस, ऑपरेट ऐंड ट्रांसफर (डीबीएफओटी) पद्धति पर आमंत्रित रुचि पत्र (ईओआई) में देश व विदेश की 11 बड़ी व नामी कंपनियों ने हिस्सा लिया है।
परियोजना के लिए तय किए गए 12 पैकेज को 4 समूहों में बांटा गया है। जिसमें एक समूह में 3 पैकेज शामिल होंगे। इसी आधार पर पीपीपी मोड के तहत आरएफक्यू व आरएफपी आमंत्रित किए जाने की कार्यवाही की जा रही है।