धूमधाम नहीं, उत्साह के साथ हुआ गणपत‌ि बप्पा का जयघोष

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 3:04 AM IST

न ढोल, न ताशा और न ही डीजे की धून फिर भी विघ्नहर्ता गणेश के स्वागत और विदाई के उत्साह और भक्त‌ि में कोई कमी नहीं हुई। कोरोना महामारी के बीच शनिवार को गणेशोत्सव शुरू हुआ और सरकारी नियम कानून मानते हुए लोगों ने भक्त‌ि-भाव से रविवार को डेढ़ दिन के गणपत‌ि को विदा किया। सार्वजनिक गणेश पंडालों से भी भीड़ गायब रही। लोगों के घरों में दर्शन के ल‌िए आने वाले भक्‍त भी न के बराबर रहे। बड़े पंडालों के साथ-साथ सोसायटी और घरों के गणपत‌ि के दर्शन भी इस बार ऑनलाइन हो रहे हैं।
महामारी के बीच गणपत‌ि पर्व संपन्न कराने में बहुत बड़ा योगदान तकनीक का दिख रहा है। शनिवार को दस दिवसीय गणेश उत्सव की शुरूआत हुई। सरकार द्वारा लागू कोविड-19 पाबंदियों के मद्देनजर श्रद्धालुओं ने अपने घरों में पूजा की और मंदिरों में गणेश दर्शन के लिए ऑनलाइन मंचों का इस्तेमाल किया। रविवार को डेढ़ दिन के बाद गणपत‌ि विसर्जन भी लोगों ने शांतीपूर्वक किया। हर साल लोग बप्पा की विदाई ढोल, ताशे और डीजे की धून में भव्य जुलूस निकालकर करते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। बीएमसी ने विसर्जन की जो दिशानिर्देश जारी किये थे, लोगों ने उन्‍हें मानते हुए अपने घरों के अंदर ही पूजा करके बप्पा की भारी मन से विदाई कर दी। सोसायटियों के बाहर खड़े बीएमसी के ट्रक और कर्मचारियों को लोगों ने अपने बप्पा (गणेश मूर्ति) सौंप दी। गौरतलब है क‌ि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण सीधे तौर पर विसर्जन करने पर रोक है। प्रशासन द्वारा बनाए गए विसर्जन केंद्रों में मूर्तियां देनी है, जहां से ट्रकों में रखकर बीएमसी कर्मचारी गणपत‌ि विसर्जन को जा रहे हैं, जबक‌ि हर साल लोग अपने परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों के साथ पूरे उत्साह के साथ विसर्जन के ल‌िए तालाबों या समुद्र तक जाते थे। विसर्जन के पहले श्रद्धालु सामूहिक पूजा करते हैं। लेकिन इस बार महामारी के मद्देनजर अधिक लोगों के एकत्र होने पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाई गई पाबंदियों के बीच सादे ढंग से उत्सव का आयोजन किया गया। मंदिरों में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए और मास्क पहनकर सीमित संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिरों में गणेश मूर्तियों को स्थापित की।
आवाजाही और सामाजिक मेलजोल पर पाबंदियों के बीच कई लोग विभिन्न ऐप के माध्यम से अपने परिजनों तथा मित्रों से संपर्क कर रहे हैं। मुंबई और आसपास के शहरों में करीब 50 फीसदी घरों में गणेश पूजा भी ऑनलाइन की गई। पंडित प्रदीप दिवेद्धी कहते हैं क‌ि कोरोना संक्रमण के कारण ऑनलाइन पूजा को प्राथमिकता दी गई जो लोगों के सेहत और सरकारी नियम कायदों के अनुरुप थी। हम बप्पा से प्रार्थना करते हैं क‌ि वह अपने साथ इस महामारी को भी ले जाएं।
मुंबई शहर के प्रतिष्ठित गणेश पंडालों ने सोशल मीडिया पर ऑनलाइन आरती और दर्शन के लिए निमंत्रण भेजे हैं। मुंबई के किंग्स सर्कल स्थित जीएसबी गणेश पंडाल से अनेक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव प्रसारण किया जा रहा है। लालबागचा राजा नाम से मशहूर गणेश पंडाल का आयोजन करने वाले सावर्जनिक गणेशोत्सव मंडल ने गणेश उत्‍सव रद्द करते हुए इसकी जगह ‘आरोग्‍य उत्‍सव’ मानने का फैसला किया है। सरकारी निर्देशों के अनुसार यहां पर पिछले वर्षों की तरह गजानन की विशाल प्रतिमा लगाने की जगह महज 4 फीट की प्रतिमा लगाई गई है।

First Published : August 24, 2020 | 12:17 AM IST