छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने वित्त वर्ष 2009-10 के बजट में उद्योग क्षेत्र का खासा ध्यान रखा गया है। सोमवार को पेश किए गए बजट में उद्योग क्षेत्र कोर् कई रियायतें दी गई हैं।
राज्य विधानसभा में बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि सालाना 10 लाख रुपये से कम टर्नओवर वाले छोटे उद्योगों को पेशेवर कर नहीं चुकाना पड़ेगा। लघु उद्योगों को मूल्य वर्द्धित कर का रिटर्न अब हर महीने के बजाय हर तिमाही में दाखिल करने की छूट दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को यह रियायतें मंदी को ध्यान में रखते हुए दी गई हैं। वहीं बायो ईंधन पर से कर हटा दिया गया है और लैमिनेट और स्टील के फैब्रिकेटेड उत्पादों पर से वैट को 12.5 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया गया है। संपत्ति के खरीद पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क को 0.5 फीसदी घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया गया है।
कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिए योजना खर्च में 13 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। किसानों को लघु अवधि के कृषि ऋण 3 फीसदी के ब्याज पर उपलब्ध कराया जाएगा। बीजों के लिए उत्पादन सब्सिडी को प्रति क्विंटल 200 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया है।
दूसरी ओर आम लोगों को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री ने इस बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया है और न ही किसी भी पुराने कर में कोई बढ़ोतरी की है। इसमें बजट घाटा 1,185 करोड़ रुपये दर्शाया गया है।
डॉ. सिंह ने बताया, ‘मौजूदा आर्थिक मंदी के बाद भी सरकार ने गरीबों के प्रति कटिबद्धता दिखाई है। ‘ वित्त वर्ष 2009-10 में बजट में होने वाले खर्च का 50 फीसदी हिस्सा परियोजनाओं पर ही खर्च किया जाएगा।