उत्तर प्रदेश में ग्रामीण महिलाओं के बनाए सामान की बिक्री अब एमेजॉन प्लेटफाॅर्म के जरिये होगी। प्रदेश सरकार ने गांवों में महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा तैयार किए जाने वाले उत्पादों को बड़ा बाजार उपलब्ध कराने की मुहिम शुरू कर दी है। ग्रामीण समूहों द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों को बड़ा बाजार मुहैया कराने के प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के कारण राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म एमेजॉन की पहल एमेजॉन सहेली कार्यक्रम से जोड़ना शुरू कर दिया है।
इस पहल के बाद 26 जिलों की 600 महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद अब एमेजॉन के इस कार्यक्रम के तहत जल्द बाजार में नजर आएंगे। इससे पहले योगी सरकार अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत हस्तशिल्पियों व छोटे उद्यमियों के उत्पादों को वैश्विक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट व एमेजॉन से जोड़ चुकी है।
हाल ही में प्रदेश के सूक्ष्म एवं लघु उद्यम विभाग ने बनारस के सिल्क कारीगरों के उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहुंचाने के लिए फ्लिकार्ट से करार भी किया है। इसके तहत बनारस के छोटे हथकरघा व पावरलूम बुनकरों के तैयार कपड़े फ्लिपकार्ट पर बिकेंगे। ऑनलाइन सामान की बिक्री में अग्रणी कंपनी एमेजॉन ने हाल ही में महिला सशक्तीकरण के लिए सहेली कार्यक्रम की शुरुआत की है।