आरइन्फ्रा ने महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन (एमईआरसी) के उस आदेश के खिलाफ अपील दायर की है, जिसके तहत उसने टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड (टीपीटीसीएल) को टाटा पावर कंपनी द्वारा 100 मेगावाट बिजली बेचने की अनुमति दी गई है।
इस मामले पर अपीली प्राधिकरण में 10 नवंबर को सुनवाई की जाएगी। आरइन्फ्रा ने इस अपील में कहा है कि एमईआरसी ने टीपीसी को विस्तार की अनुमति बिना किसी बोली लगाए हुए दे दी है। एमईआरसी द्वारा पारित टैरिफ आदेश के तहत इस नई इकाई में अप्रैल से बिजली उत्पादन का काम शुरू होने वाला है और फिर मुंबई में उसका वितरण किया जाएगा।
टीपीसी ने वर्ष 2008-09 की अपनी टैरिफ याचिका में यह स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया है कि 250 मेगावाट की जो बिजली उत्पादित की जाएगी, उसमें से 100 मेगावाट वृहन्नमुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई और ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) को दी जाएगी, जो आइलैंड सिटी को इसकी आपूर्ति करेगा।
इसके बाद 50 मेगावाट टीपीसी अपने इस्तेमाल के लिए रखेगी और बाकी 100 मेगावाट आरइन्फ्रा को दी जाएगी। टीपीसी रेलवे, एयरपोर्ट, पानी इकाइयों आदि को बिजली मुहैया कराती है, जबकि आरइन्फ्रा मुंबई के अर्द्धशहरी इलाके में इसकी आपूर्ति करती है।
टीपीसी के प्रवक्ता ने कहा, ‘ये सारे निर्णय वितरण लाइसेंस के आधार पर लिए गए हैं। एमईआरसी के निर्देशों के मुताबिक टीपीसी ने 100 मेगावाट बिजली टीपीटीसीएल को देने का निर्णय लिया है।’ जबकि 31 दिसंबर 2007 को टीपीसी ने आरइन्फ्रा को पत्र के द्वारा यह सूचित किया था कि वह 100 मेगावाट बिजली दूसरी पार्टी को वितरित करने वाली है।
आरइन्फ्रा ने इसके तुरंत बाद टीपीसी को यह सूचित किया कि तीसरी पार्टी को वितरित करना एक कानूनी मामला है और इसका निर्णय अपने स्तर से नहीं लिया जा सकता है।