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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार को दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के संगठनों ने सामूहिक शक्ति प्रदर्शन किया। भेल दशहरा मैदान में आयोजित इस रैली में जय युवा आदिवासी संगठन (जयस), गोंडवानपा गणतंत्र पार्टी और आजाद समाज पार्टी के समर्थकों और नेताओं ने शिरकत की। रैली का सबसे बड़ा आकर्षण आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद थे। रविवार की रैली जातिवार जनगणना, पदोन्नति में आरक्षण के कानून जैसी मांगों को लेकर किया गया।
चंद्रशेखर आजाद ने अपने इरादे साफ करते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों तक ऐसी और भी यात्राएं आयोजित की जाएंगी। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई अनेक घोषणाओं का जिक्र करते हुए उन पर सवाल उठाए और कहा कि प्रदेश को अब आदिवासी मुख्यमंत्री की जरूरत है।
आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार आस्तेय ने दावा किया कि इस रैली में लगभग पांच लाख लोगों ने शिरकत की। उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक जनवरी से सामाजिक न्याय यात्रा निकाली जो 52 जिलों के 230 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी। रविवार को रैली में इसका समापन किया गया। रैली में आजाद के अलावा कुख्यात व्यापम कांड के व्हिसल ब्लोअर तथा जयस के एक धड़े से जुड़े डॉ. आनंद राय, भाजपा से निष्कासित नेता प्रीतम लोधी के अलावा जयस और भीम आर्मी के अनेक नेता और समर्थक शामिल थे।
आस्तेय ने बताया कि भोपाल, इंदौर, देवास, विदिशा, शाजापुर और उज्जैन समेत अनेक जिलों से बहुत बड़ी तादाद में लोग इस रैली में शामिल होने भोपाल आए।
प्रदेश में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले दलित-आदिवासियों और पिछड़ा वर्ग के इस प्रदर्शन ने दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस को चिंतित किया है। गौरतलब है कि इन दिनों प्रदेश में भाजपा विकास यात्रा निकाल रही है जहां सरकार के कामों को शोकेस किया जा रहा है। वहीं पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के सबसे बड़ा दल बनने में आदिवासी संगठन जयस की अहम भूमिका थी। जयस के अब दो गुट हो चुके हैं और उसने अब तक अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है।