बिक्री कर मुख्यालय की पहली मंजिल पर इन दिनों काफी गहमागहमी है। हर ‘बाबू’ के टेबल के आगे कई लोग लाइन में खड़े हैं।
कोई ‘यूटिलिटी’ भरने में व्यस्त है तो कोई अन्य फार्म। कोई कह रहा है कि दस दिनों से आ रहा हूं अब तो फार्म दे दीजिए। तो कोई फार्म लेने के लिए बाहर दलालों से सांठगांठ कर रहा है।
असल में यह फार्म है सेंट्रल सेल टैक्स का जिसे सी-फार्म के नाम से जाना जाता है और बाबुओं की टेबल के आगे गिड़गिड़ाने वाले व्यक्ति है दिल्ली के कारोबारी।
जो सी-फार्म लेने के लिए अपना काम-धाम छोड़कर बिक्री कर भवन के चक्कर काट रहे हैं। व्यापारियों को दो साल पहले तक साल में एक बार ही सी-फार्म लेना होता था लेकिन अब उन्हें एक साल में चार बार यानी कि हर तिमाही में सी-फार्म भरना होता है।
पिछले एक सप्ताह से रोज सुबह सी-फार्म लेने के लिए बिक्री भवन आने वाले राजू चौहान (नाम बदला हुआ) कहते हैं, ‘दिक्कत इसकी नहीं है कि साल में चार बार आना पड़ता है, दिक्कत इसकी है कि इसे लेने के लिए 10 दिन बर्बाद हो गए।’
जब भी कोई कारोबारी किसी दूसरे राज्य के कारोबारी से कोई सामान खरीदता है तो उसे दूसरे कारोबारी को सी-फार्म देना होता है जिस पर बिल नंबर, खरीदारी की तारीख, मात्रा व रकम का विवरण होता है। ऐसा नहीं करने पर विक्रेता कारोबारी को अतिरिक्त टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
दिल्ली के बिक्री कर भवन में इंतजाम की कमी के कारण कारोबारियों को एक फार्म के लिए 10-15 दिनों की मशक्कत करनी पड़ रही है। हर वार्ड के कारोबारियों के लिए अलग-अलग टेबल है। और एक टेबल के अंतर्गत 10 वार्ड के कारोबारी है।
यानी कि एक टेबल पर कम से कम 1000 कारोबारी सी-फार्म की लाइन में है। सीए के सहायक के रूप में काम करने वाले जोगिंदर कहते हैं, ‘मैं यहां हर साल आता हूं। लेकिन इस बार तो बुरा हाल है। मेरी तो ‘सेटिंग’ है तब 10 दिन बाद फार्म मिला है।’
बदरपुर से आए कारोबारी कहते हैं, ‘बड़े कारोबारी तो अपने सीए या अपने वकील के जरिए इन कामों को कराते हैं लेकिन हमारे जैसे छोटे व्यापारियों को तो खुद अपना काम-धाम छोड़कर यहां आना पड़ता है। किसी दिन कोई कर्मचारी छुट्टी पर है तो कंप्यूटर का सर्वर डाउन है जैसी मुसीबत अलग से।’
जब इस संवाददाता ने सी-फार्म लेने की प्रक्रिया के बारे में लाइन में खड़े एक कारोबारी से पूछा तो उसने कहा, ‘किसी कर्मचारी या दलाल से सेटिंग कर लो नहीं तो किसी न किसी कमी को लेकर ये तुम्हारा दो-चार दिन और खराब कर देंगे।’ एक कारोबारी ने तो यह भी कहा कि सीधे बाबू से ही बात कर लो। बात बन जाएगी।