यूपी में गरमाई आईटी की मंडी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 5:40 PM IST

बेंगलुरु और एनसीआर जैसे क्षेत्रों से शुरू हुई आईटी की बयार अब उत्तर प्रदेश में भी बहने लगी है।


लखनऊ में आईटी क्रांति के विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में कम्प्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया (सीएसआई) के अध्यक्ष जयंत कृष्णा ने बताया, ‘अगर उत्तर प्रदेश के आईटी शिक्षण संस्थानों की बात की जाए तो ये करीब 12 फीसदी आईटी पेशेवरों को तैयार करते हैं।

ये आईटी पेशेवर एक महत्वपूर्ण श्रमशक्ति के रूप में देश की सेवा कर रहे हैं।’ कृष्णा ने बताया कि यह ठीक है कि भारतीय आईटी कंपनियां बड़ी संख्या में फर्ॉच्यून 500 कंपनियों के लिए सॉफ्टवेयर विकसित रही हैं लेकिन इसके बावजूद एक सफल घरेलू आईटी विस्तार मॉडल की जरुरत समय की मांग है।

यह जरुरत इसलिए भी महसूस की जा रही है ताकि भारत एक वैश्विक आईटी सुपरपावर के रूप में उभर कर सामने आ सके। उन्होंने कहा कि ‘देश के ई-गर्वनेंसस से सरकार का भी काम थोड़ा आसान हो जाएगा।’

बंगाल में आईटी बूम

पश्चिम बंगाल में सूचना प्रौद्योगिकी अपना परचम लहरा रहा है। एक कार्यक्रम के दौरान नैसकॉम के पूर्व अध्यक्ष किरण कर्णिक ने बताया कि इंजीनियरिंग सेवाओं के पास विस्तृत और क्षमतावान बाजार है। कर्णिक ने बताया कि कोलकाता और चेन्नई में सुरक्षा सॉफ्टवेयर के विकास के प्रबल संकेत हैं।

पश्चिम बंगाल के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री देबेश दास ने बताया कि पश्चिम बंगाल सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास की योजना बना रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक पिछले साल भारत से करीब 40 अरब डॉलर का सॉफ्टवेयर निर्यात किया गया था और इस साल के लिए 60 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा गया है।

First Published : August 18, 2008 | 11:47 PM IST