महाराष्ट्र की आईटी नीति दिसंबर तक

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 11:05 AM IST

महाराष्ट्र सरकार इस वक्त मौजूदा सूचना प्रौद्योगिकी को बेहतर बनाने की प्रक्रिया में जुटी हुई है। यह उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर 2008 तक इस नई नीति की घोषणा कर दी जाएगी।


कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) द्वारा नासिक में ‘व्यापार भागीदार बैठक 2008’ के 5वें संस्करण के उद्धाटन के दौरान महाराष्ट्र सरकार के प्रधान सचिव ए एम खान ने बताया, ‘मौजूदा सूचना प्रौद्योगिकी नीति जून 2008 में ही समाप्त हो चुकी है।

लिहाजा राज्य सरकार सूचना प्रौद्योगिकी नीति को और बेहतर बनाने में जुटी है। एक अनुमान के मुताबिक सूचना प्रौद्योगिकी की नई नीति दिसंबर 2008 तक घोषित कर दी जाएगी।’ खान ने बताया, ‘दिनोदिन जमीन की आसमान छूती कीमतों की वजह से मुंबई और पुणे में स्थित उद्योग अब संतृप्ति स्तर तक पहुंच गए हैं और यहां जमीन उपलब्ध हो पाना बहुत कठिन है।

यही वजह है कि सरकार सूचना प्रौद्योगिकी की विकास के लिए द्वितीय श्रेणी के शहरों जैसे नासिक की ओर रुख कर रही हैं।’ इसके अलावा, खान ने महाराष्ट्र सरकार की सार्वजनिक निजी भागीदारी पहल और साथ ही ‘एकल खिड़की’ को बेहतर बनाने के लिए उद्योग जगत और सीआईआई से सुझाव भी आमंत्रित करने के बारे में कहा है, ताकि इस पहल से राज्य में बुनियादी सुविधाओं और उद्योग का विकास को आसान बनाया जा सके।

खान ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि यह कॉरिडोर नासिक-इगतपुरी-सिन्नार से होते हुए गुजरेगी, जिससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में खासकर इन क्षेत्रों में विकास काफी तेजी से होगा। ट्रेड सेंटर के रूप में अपनी पहचान बना चुके नासिक के बारे में ए एम खान ने बताया कि अभी कुछ साल पहले तक नासिक की शक्ल-सूरत ऐसी नहीं थी। लेकिन इसने अपने आप को साबित कर दिखाया और आज हम लोगों के सामने यह एक औद्योगिक हब के रूप में मौजूद है।

उन्होंने कहा कि यह कई राज्यों, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठानों का घर है, जिसका राज्य की अर्थव्यवस्था और कारोबार के विकास में बेहद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। खान ने कहा कि निर्माण उद्योगों में अपनी स्थिति मजबूत करने के अतिरिक्त नासिक ज्ञान आधारित उद्योग के रूप में भी काफी तेजी से उभर रहा है। महाराष्ट्र के मौजूदा बिजली की स्थिति के बारे में खान ने बताया, ‘राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच काफी खाई है और सरकार इस खाई को जल्द से जल्द पाटने की कोशिश कर रही है।’

First Published : July 15, 2008 | 10:07 PM IST