उड़ीसा में 5,000 हेक्टेयर पर होगी जेट्रोफा की खेती

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 9:43 PM IST

उड़ीसा सरकार ने बायो-डीजल की प्राप्ति के लिए वर्ष 2008-09 में राज्य की 5,000 हेक्टेयर जमीन पर जेट्रोफा की खेती करने का निर्णय लिया है।


इस समय राज्य में प्रति वर्ष 1000 किलोलीटर जैविक डीजल के  उत्पादन की क्षमता है। सूत्रों का कहना है कि राज्य की लगभग 30 फीसदी भूमि के बेकार पड़े होने के बावजूद जैविक डीजल का उत्पादन प्रतिवर्ष 14,000 किलोलीटर प्रतिवर्ष बढ़ाया जा सकता है।


 सरकार के अनुसार निजी उत्पादकों के लिए राज्य में लगभग 6 लाख हेक्टेयर बंजर भूमि जैविक डीजल का उत्पादन करने के लिए उपलब्ध है। इस भूमि के उपभोग से राज्य में जैविक डीजल के उत्पादन होने के साथ ही 10 करोड़ मानव कार्य दिवस पैदा होंगे।


इसके अलावा 42,000 टन जैविक खाद की भी उत्पति होगी। उड़ीसा नवीकरणीय ऊर्जा विकास एंजेसी के मुख्य कार्यक ारी अधिकारी अजित भरथुहर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि राज्य सरकार ने जैविक डीजल के उत्पादन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देशों को लागू कर दिया है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य राज्य की बंजर भूमि में खेती कर जैविक डीजल के उत्पादन को बढ़ा कर आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाना है।


इसके लिए ओआरईडीए ने राज्य में जठरोफा की खेती करने का मन बना लिया है। इसके अलावा राज्य में जैविक डीजल बनाने में प्रयोग होने वाले दूसरे पौधे कारंजा की कृषि को बढ़ावा देने की योजना भी बनाई है। अभी राज्य में जैविक डीजल के उत्पादन में आवश्यक बीजों के पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध न होने के कारण जैविक डीजल योजनाओं क ो इतना बढ़ावा नहीं मिला है।

First Published : April 16, 2008 | 10:11 PM IST