उत्तराखंड के मुख्य मंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने आज केंद्र पर आरोप लगाया कि राज्य को सहायता देने में मतभेद के कारण अनेक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की तरह एक संस्थान ऋषिकेश में बनाने के लिए आज तक कोई राशि नहीं दी गई।खंडूड़ी प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में संवाददाताओं को बताया कि राज्य में जब कांग्रेस की सरकार थी तो उसे गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए काफी मात्रा में गेहूं, मिट्टी का तेल और घरेलू गैस उपलब्ध कराई जाती थी लेकिन जब से राज्य में भाजपा सरकार आई है इन तीनों वस्तुओं में कटौती कर दी गई है।
इस कारण राज्य सरकार को काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि ‘जब वह मुख्यमंत्री बने थे तो राज्य के दूरदराज इलाकों में घरेलू गैस मुफ्त उपलब्ध कराने की एक योजना बनाई थी। कुछ दिन वह सही चली लेकिन केंद्र के इस कदम के कारण उसमें भी संकट आ गया है।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से चार साल पहले केन्द्र ने ऋषिकेश में एम्स की तरह एक संस्थान बनाने की घोषणा की थी और उसके निर्माण के लिए हर संभव सहायता देने का वायदा किया था लेकिन सच्चाई यह है कि इस संस्थान के निर्माण के लिए केंद्र की ओर से आज तक कोई भी वित्तीय सहायता नहीं दी गई है जबकि अन्य जिन राज्यों में इस तरह के संस्थान बनने हैं उनको सहायता दी गई है।
खंडूड़ी ने कहा कि इतना ही नहीं जब नंवबर 2000 में राज्य के निर्माण की घोषणा की गई थी तब केंद्र सरकार ने राज्य के औद्योगिक विकास के लिए एक पैकेज दिया था। इसके तहत राज्य में उद्योग स्थापित करने वालों को कुछ छूट दी गई थी जो वर्ष 2013 तक जारी रहनी थी लेकिन जैसे ही उनकी सरकार सत्ता में आई केंद्र से इसे घटा दिया गया है।
उत्तराखंड की स्थाई राजधानी के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में खंडूड़ी ने कहा कि इसके लिए दीक्षित आयोग गठित किया गया है। उसे केंद्र सरकार से कुछ जरूरी डेटा लेने में देरी हो रही है और इस कारण मामला अटका हुआ है। उन्होंने कहा कि जब आयोग की रिपोर्ट आ जाएगी फिर उस पर बहस के बाद कोई फैसला लिया जाएगा। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में खंडूड़ी ने कहा कि पिछली सरकार के बारे में राज्य सरकार को जितनी शिकायतें और घोटालों के बारे में जानकारी मिली थी उनकी जांच के लिए दो आयोग गठित किए गए हैं।
रिपोर्ट आने के बाद कोई कार्रवाई की जाएगी। इन आयोग का गठन करने का मुख्य उद्देश्य दोषी को सजा देना है। कंधार विमान अपहरण कांड के बारे में पूछे जाने पर खंडूड़ी ने कहा कि वह उस समय कैबिनेट में नहीं थे और न ही इस घटना के तथ्यों के बारे में उनको पर्याप्त जानकारी है इसलिए इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते है। तिब्बत-चीन मामले के बारे में पूछे जाने पर खंडूड़ी ने कहा कि उनका मानना है कि यह मामला शक्ति प्रदर्शन के बजाय आपसी बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए।