कपड़ा उद्योग पर मेहरबान सरकार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 12:44 PM IST

छोटे, मझोले और मध्य उपक्रम (एमएसएमई) ने लुधियाना में टेक्सटाइल टेस्टिंग लैब की स्थापना करने के प्रस्ताव को सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी है।


सरकार के इस फैसले पर टेक्सटाइल पेशेवर संघ (टीपीए) के सदस्यों ने खुशी जताई है। इस प्रयोगशाला के खुलने से 1,000 से अधिक कपड़ा इकाइयों को फायदा मिलेगा। टीपीए के सचिव सुखदर्शन सिंह ने बताया कि दो साल पहले जब संघ की स्थापना हुई थी, तब सदस्यों ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के छोटे और मझोले कारोबारियों को डाइंग समाधान मुहैया कराने की इच्छा जताई थी।

इन राज्यों में कपड़ा उद्योग को मजबूत बनाने के लिए टीपीए ने लुधियाना में टेक्सटाइल टेस्टिंग लैब की स्थापना करने की योजना बनाई थी। इस लैब का मकसद असंगठित क्षेत्र के छोटे प्रसंस्करण इकाइयों और गारमेंट विनिर्माताओं की मदद करना है। इन इकाइयों में से ज्यादातर यूरोपीय देशों और घरेलू बाजार की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाती हैं। सुखदर्शन ने बताया कि इस समय केवल बड़ी इकाइयों के पास डाइंग परीक्षण की सुविधा है और छोटे कारोबारी इस स्थिति में नहीं हैं कि वे डाइंग उपकरणों को खरीद सकें। इसलिए सिर्फ दिल्ली और दूसरे स्थानों की प्रयोगशालाओं में ही आवश्यक परीक्षण किए जा सकते हैं।

कारोबारियों को दिल्ली और दूसरे स्थानों की  प्रयोगशालाएं काफी पैसा लेती हैं और इनकी रिपोर्ट भी काफी देर से पहुंची है। इस कारण आर्डर को पूरा करने में देरी का सामना करना पड़ता है। छोटे कारोबारियों को डाइंग समाधान मुहैया कराने के अलावा लैब में का प्रशिक्षिण केन्द्र होगा जो टेक्सटाइल इकाइयों की जरुरत के मुताबिक मजदूरों को प्रशिक्षित करेगा। सुखदर्शन ने बताया कि मंत्रालय ने उनसे शोध  और विकास को बढ़ावा देने और कारीगरों को प्रशिक्षण देने के लिए लैब की स्थापना करने के लिए कहा है। इसके लिए मंत्रालय ने टीपीए को लुधियाना के करीब जमीन भी मुहैया कराई है।

उन्होंने कहा कि इस प्रशोगशाला की शुरुआत करने के लिए हमें 1 करोड़ रुपये की जरुरत होगी और चूंकि हम एक गैर व्यावसायिक संगठन हैं, इसलिए एमएसएमई विभाग प्रयोगशाला खोलने का 90 प्रतिशत खर्च खुद उठाएगा और एसोसिएशन को अपनी तरफ से केवल 10 प्रतिशत अंशदान ही करना होगा। उन्होंने बताया कि मंत्रालय के अधिकारियों ने टीपीए से वित्तीय परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है।

First Published : July 22, 2008 | 9:24 PM IST