मुंबई में 50 फीसदी से अधिक बच्चों में कोविड एंटीबॉडी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:13 AM IST

मुंबई में कराये गए सीरो सर्वेक्षण के नतीजों के मुताबिक 50 फीसदी से अधिक बच्चों में कोविड-19 एंटीबॉडी मौजूद है। सीरोप्रेवलेंस का अर्थ यह है कि सार्स-सीओवी-2 से बचाव के लिए वायरस से लडऩे वाले एंटीबॉडी मौजूद हैं।
मुंबई में बच्चों में तीसरी लहर के खतरे की आशंका के बीच बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के बीवाईएल नायर अस्पताल और कस्तूरबा मॉलिक्यूलर डायग्नॉस्टिक लैबोरेटरी ने बच्चों के बीच सार्स-सीओवी-2 संक्रमण का सीरो सर्वेक्षण कराया। इस सर्वेक्षण में पाया गया कि एंटीबॉडी वाली बाल चिकित्सा आबादी का अनुपात पहले के सीरो-सर्वेक्षण की तुलना में बढ़ गया है। एक सीरो-सर्वेक्षण में लोगों के समूह के रक्त सीरम की जांच की जाती है और इसके निष्कर्षों का इस्तेमाल रुझानों की निगरानी के लिए किया जाता है।
कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के बच्चों को असमान रूप से प्रभावित करने का अनुमान है, ऐसे में बीएमसी ने दूसरी लहर के दौरान ही जिन बच्चों का इलाज चल रहा था, उनकी आबादी का सीरो-सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था। बीएमसी ने कहा कि महामारी की शुरुआत के बाद किया गया यह तीसरा सीरो-सर्वेक्षण था। यह सर्वेक्षण 1 अप्रैल से 15 जून के बीच किया गया था जिसमें पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं से 2,176 रक्त के नमूने एकत्र किए गए थे। इनमें आपली चिकित्सा नेटवर्क और बीएमसी के नायर अस्पताल से लिये गए 1,283 नमूने और 24 नगरपालिका वार्डों में दो निजी प्रयोगशालाओं के नेटवर्क से लिए गए 893 नमूने शामिल थे। इस अध्ययन के प्रमुख निष्कर्षों में यह बात निकलकर आई है कि 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे पहले ही सार्स-सीओवी-2 की चपेट में आ चुके हैं।
सीरोपॉजिटिविटी 10-14 वर्ष आयु वर्ग में सबसे अधिक करीब 53.43 फीसदी है। वहीं 1 से 4 साल के बच्चों के बीच सीरो पॉजिटिविटी दर 51.04 फीसदी, 5 से 9 साल के बच्चों के बीच 47.33 फीसदी, 10 से 14 साल के बच्चों के बीच 53.43 फीसदी और 15 से 18 साल उम्र वर्ग में 51.39 फीसदी है।

First Published : June 28, 2021 | 11:16 PM IST