मुंबई के बाजार, मॉल, रेस्तरां होटल और शॉपिंग सेंटरों में आजकल निराशा नजर आ रही है। इस नुकसान की वजह गर्मी नहीं है। इसकी वजह तो हाल ही में महाराष्ट्र सरकार द्वारा शहर में कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए घोषित की गई पाबंदियां हैं। मॉल मालिकों का कहना है कि दो सप्ताह के दौरान लोगों के आने में कम से कम 50 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। और 28 मार्च से रात के कफ्र्यू (रात 8 बजे से सुबह 7 बजे तक) के कारण रात्रि भोजन सेवाओं की वजह से रेस्तरां कारोबार 70 प्रतिशत तक लुढ़क चुका है।
इम्प्रेसारियो एंटरटेनमेंट ऐंड हॉस्पिटैलिटी के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक रियाज अमलानी कहते हैं, ‘पूरी तरह बंद करना रात के कफ्र्यू से बेहतर है। रात का खाना रेस्तरां के लिए बड़ी बात होती है। और मुंबई जैसे शहर में रात के खाने की पहली पारी 8-8.30 बजे से पहले शुरू नहीं होती है। रात 8 बजे वाले कफ्र्यू की वजह से हम रात के खाने की सेवाओं का मौका गंवा रहे हैं।’
रात्रि कफ्र्यू 15 अप्रैल तक जारी रहेगा, जबकि मॉल तथा रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों जैसे भीड़-भाड़ वाले अन्य स्थानों पर आकस्मिक रैपिड एंटीजन जांच कुछ समय तक जारी रहेगी।
रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) के मुख्य कार्याधिकारी कुमार राजगोपालन का कहना है कि ये सभी उपाय उपभोक्ता धारणा को निरुत्साहित कर रहे हैं। वह कहते हैं ‘मॉल और शॉपिंग सेंटर जैसे औपचारिक खुदरा स्थलों में स्वच्छता मानकों का पालन करने की क्षमता है और ये सामाजिक दूरी सुनिश्चित रख सकते हैं। यहां प्रतिबंध लगाना खुदरा विक्रेताओं के लिए एक झटका है।’
मुंबई में मल्टीप्लेक्स के साथ-साथ रेस्तरां और भोजनालयों ने 50 प्रतिशत बैठने की अनुमति के साथ अक्टूबर 2020 से ही अतिथियों के लिए अपने द्वार खोले थे। हालांकि अक्टूबर से दिसंबर तक की अवधि काफी हद तक नव सामान्य को समायोजित करने में ही बिताई गई थी, लेकिन शहर में कोविड के मामलों में राहत शुरू होने के कारण जनवरी के बाद से कारोबार जोर पकडऩे लगा था।
त्योहारी तिमाही के दौरान बिक्री के लिहाज से मॉल में अच्छी सुधार दर दिखने लगी थी। सुधार दर के 85 प्रतिशत स्तर के साथ जनवरी और फरवरी में इसने रफ्तार पकड़ ली थी। मॉल में आने वालों की संख्या भी कोविड से पहले के करीब 60 प्रतिशत स्तर पर लौट आई थी।
इन्फिनिटी मॉल्स के मुख्य कार्याधिकारी मुकेश कुमार कहते हैं ‘कोविड-19 की ये नई पाबंदियां उस वक्त आई हैं, जब खुदरा उद्योग मंदी से उबर रहा था। मुझे उम्मीद है कि 15 अप्रैल के बाद कोई और पाबंदियां नहीं लगाई जाएंगी।’ नैशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के अध्यक्ष अनुराग कटरियार का कहना है कि पिछले साल की तरह, इस साल भी कम से कम 30 प्रतिशत रेस्तरां कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण बढ़ती पाबंदियों की वजह से शायद दोबारा काम शुरू न कर पाएं। वह कहते हैं ‘अधिकांश रेस्तरां और भोजनालय बैठकर खाने के लिए तैयार किए गए हैं। डिलिवरी उन लोगों का विकल्प नहीं हो सकती है।
प्रमुख उपभोग केंद्र – मुंबई में घर से बाहर जाने की पाबंदियों को कम करने के लिए महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करने की खातिर 1 अप्रैल को आरएआई, एनआरएआई, शॉपिंग सेंटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया तथा मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि एकजुट हुए थे। इससे पहले फेडरेशन ऑफ होटल ऐंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने महाराष्ट्र सरकार को रात्रि कफ्र्यू हटाने पर विचार करने के लिए कहा था। एफएचआरएआई के उपाध्यक्ष गुरबख्शीश सिंह कहते हैं ‘घर से काम करने की व्यवस्था के कारण दिन के समय रेस्तरां के लिए कोई खास कारोबार नहीं हो रहा है।’