कोरोना संकट और अर्थव्यवस्था में मंदी के दौर में भी उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जमीनों के दामों में तेजी आ रही है। अगस्त में राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत होने के बाद से अयोध्या शहर और लखनऊ मार्ग पर जमीनों की कीमतों में तेजी आनी शुरू हुई है। सबसे ज्यादा दाम अयोध्या को जोडऩे वाले बाईपास और मार्गों के किनारे की जमीन के दाम बढ़े हैं।
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की नींव पड़ते ही यहां जमीनों की कीमतों में तेजी का सिलसिला शुरु हुआ है जो लगातार बढ़ रहा है। कोरोना संकट के इस दौर में जहां प्रदेश भर में जमीनों की रजिस्ट्री में कमी आयी है, वहीं अयोध्या में ठीक इसके उलट तादाद बढ़ रही है। अयोध्या जिले के अधिवक्ता केके दुबे के मुताबिक बीते एक महीने में ही यहां जमीनों की रजिस्ट्री कराने वालों की तादाद में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि विक्रय अनुबंध भी तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि सबसे ज्यादा मांग हवाई अड्डे के आसपास की जमीनों की बढ़ी है। हालांकि बड़ी तादाद में इन जमीनों के प्रदेश सरकार अधिग्रहीत कर रही है। दुबे का कहना है कि बीते कुछ महीने में ही अयोध्या में जमीन की कीमत चार गुना बढ़ चुकी है, फिर भी लाखों खरीदार जमीनों को खरीदने के इंतजार में है।
राजधानी लखनऊ छोड़कर अयोध्या में प्रापर्टी का कारोबार करने लगे तिवारी एसोसिएट्स के सुधीर कुमार का कहना है कि सरकारी परियोजनाओं के अलावा बड़ी तादाद होटल, रेस्टोरेंट, गेस्टहाउस व शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने वाले यहां का रुख कर रहे हैं। हालांकि उनका कहना है कि जमीनों की वास्तविक खरीद फरोख्त से कहीं ज्यादा लोग जानकारी हासिल कर रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण अभी यह साफ न होना है कि प्रदेश सरकार कितनी जमीन कहां अधिग्रहीत कर रही है। उनका कहना है कि 14 कोसी परिक्रमा क्षेत्र में जमीनों के दाम 700 रुपये स्कवायर फुट से बढ़कर 2000-3000 रुपये स्कवायर फुट तक पहुंच गये हैं। प्रापर्टी डीलरों के मुताबिक एक तरफ सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट, वातानुकूलित बस स्टेशन, अंतरराष्ट्रीय स्तर के अयोध्या रेलवे स्टेशन के साथ कई बड़ी योजनाएं प्रस्तावित की है, जिसके कारण हिंदुस्तान ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी पर्यटक बड़ी संख्या में अयोध्या पहुंचेंगे। इन्ही सब के चलते कई बड़ी कंपनियां अयोध्या में जमीनों की तलाश कर रही हैं।
केके दुबे का कहना है कि अयोध्या में सरयू नदी के किनारे की जमीन सबसे महंगी है। जबकि ज्यादा तादाद में और कम कीमत में जमीनों के लिए खरीददार अयोध्या के करीबी गांवों मांझा बरेहटा, सहजनवा, सहजनवा उपरहा व माझा उपरहा तक पहुंच रहे हैं।
गौरतलब है कि अयोध्या में रामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन मंदिर के तीसरे पिलर का निर्माण पूरा कर चौथे की तैयारी चल रही है। नंवबर में दीवाली के आसपास मंदिर के लिए सिविल वर्क की शुरुआत हो जाएगी।