टाटा मोटर्स के सिंगुर से चले जाने और कोलकाता दक्षिण लोक सभा सीट के परिसीमन की वजह से ममता बनर्जी को अपनी सीट बचाए रखने में मशक्कत करनी पड़ सकती है।
तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी का 13 मई को होने वाले मतदान में अपने प्रतिद्वंद्वी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के रबीन देब से मुकाबला है। बनर्जी ने कहा कि उन्हें जीत हासिल होने की पूरी उम्मीद है, क्योंकि कांग्रेस ने उनका समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘जीत के लिए हमारे वोटों का अंतर काफी अधिक होगा, क्योंकि पश्चिम बंगाल की जनता बदलाव चाहती है।’
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने यह भी कहा है कि वह पांच नए विधानसभा क्षेत्रों के साथ परिसीमन के बाद इस सीट में आए बड़े बदलाव की चुनौती से अवगत हैं। परिसीमन के बाद इसमें नए विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है जिसमें माकपा का गढ़ माने जाने वाला बेहला भी शामिल है।
बनर्जी ने माकपा का हवाला देते हुए कहा, ‘उन्होंने मेरे चुनाव क्षेत्र की रूपरेखा पूरी तरह बदल दी है, लेकिन मैं इसे लेकर चिंतित नहीं हूं। मैं मार्क्सवादियों को बेदखल करने के लिए पूरे राज्य में अभियान चलाऊंगी।’
उधर देब भी अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि हमें जीत का पूरा भरोसा है, क्योंकि बनर्जी औद्योगीकरण के खिलाफ हैं और उन्होंने नैनो कार फैक्टरी को सिंगुर से बाहर कर दिया जिसकी वजह से शहरी मतदाता गुस्से में हैं।
देब ने कहा, ‘हर कोई औद्योगीकरण चाहता है और ममता इसके खिलाफ हैं। इसलिए जनता उन्हें ठुकरा देगी।’ इस साल माकपा ने बैलीगंज से राज्य विधानसभा के पूर्व विधायक देब को मैदान में उतारा है। पार्टी का मानना है कि वह पार्टी में एकमात्र ऐसे नेता हैं जो बनर्जी को चुनौती दे सकते हैं।