शराब घोटाले में फिर एक्शन में आई ED, दिल्ली-पंजाब-हैदराबाद के 35 ठिकानों पर रेड

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 2:01 PM IST

ED Action in Delhi Excise Policy Case: दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के एक कथित मामले में शुकव्रार को एक बार फिर से ईडी एक्शन में दिखाई दी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी दिल्ली (Delhi), पंजाब (Punjab) और हैदराबाद (Hyderabad) में 35 स्थानों पर छापेमारी कर रहे हैं। दिल्ली के जोर बाग के एक शराब वितरक और ‘इंडोस्पिरिट’ ग्रुप के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू की गिरफ्तारी की बाद से छापेमारी की जा रही थी। पिछले महीने समीर महेंद्रू को सीबीआई (CBI) ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में अब तक ईडी 103 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है।
लंबी है कथित आबकारी घोटाले के आरोपियों की फेहरिस्त 
CBI द्वारा मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ED ने धन शोधन का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। कथित आबकारी घोटाले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्णा, उपायुक्त आनंद तिवारी और सहायक आयुक्त पंकज भटनागर आरोपी हैं। इसके अलावा भी आरोपियों की लंबी फेहरिस्त है। उपराज्यपालय वी के सक्सेना ने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया था। सीबीआई ने इस मामले में उद्योगपति विजय नायर को भी गिरफ्तार किया है।
दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने उठाया कार्रवाई पर सवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाया है। सीएम केजलीवाल ने ट्वीट किया, ‘500 से ज्यादा रेड, 3 महीनों से सीबीआई और ईडी के 300 से ज्यादा अधिकारी 24 घंटे लगे हुए हैं- एक मनीष सिसोदिया के खिलाफ सबूत ढूंढने के लिए. कुछ नहीं मिल रहा क्योंकि कुछ किया ही नहीं. अपनी गंदी राजनीति के लिए इतने अधिकारियों का समय बर्बाद किया जा रहा है. ऐसे देश कैसे तरक्की करेगा?’  
क्या है पूरा मामला ?
दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियमावली-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए जाने की बात कही गई थी। रिपोर्ट में सबसे बड़ा आरोप सबसे बड़ा आरोप यह लगाया गया था कि शराब ठेकेदारों की लाइसेंस फीस माफ करने से दिल्ली सरकार को करीब 144 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और मनीष सिसोदिया ने आबकारी मंत्री के तौर पर प्रावधानों को अनदेखा किया।  
 

First Published : October 7, 2022 | 12:51 PM IST