किसानों को खुश करने के लिए यूपीए सरकार ने कर्जमाफी की घोषणा की थी। उन्हें उम्मीद थी कि इससे पूरे देश के किसान खुश होंगे।
हालांकि हर प्रांत की स्थिति एक जैसी नहीं है। इसका पता वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को तक चला, जब वे हरियाणा और पंजाब के गांवों में बैंकों की ओर से की जाने वाली ऋण माफी योजना की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे। किसानों ने उन्हें बताया कि यहां के किसान तो समय पर किस्त चुका देते हैं।
हालांकि किसानों ने वित्त मंत्री से कहा कि उन्हें डीजल की किमतें नहीं बढ़ानी चाहिए थीं। इसके साथ ही किसानों ने उन्हें अपनी समस्याएं गिनानी शुरू कर दीं। किसानों ने बताया कि पानी की किल्लत के कारण उनकी उत्पादकता प्रभावित हो रही है और उत्पादन लागत भी बढ़ रही है। सच तो यह है कि इस क्षेत्र के किसानों को ऋणमाफी योजना से बहुत ज्यादा लाभ होता नहीं दिख रहा है।
वित्त मंत्री जब पंजाब नेशनल बैंक गए तो पता चला कि यहां 1102 किसानों ने कर्ज लिया था, लेकिन लाभ के दायरे में 170 किसान ही आएंगे, जिनकी कुल राशि दो करोड़ रुपये है। पटियाला के स्टेट बैंक शाखा में 1162 किसानों में से 81 को ही लाभ मिल पाएगा और कुल राशि होगी 29 लाख रुपये। मालवा ग्रामीण बैंक की शाभू शाखा के किसानों का कहना था कि उन्हें भी कम ब्याज दर पर ऋण मिलनी चाहिए, ताकि किसान समय पर उसका भुगतान कर सकें।
हरियाणा-पंजाब के ज्यादातर किसानों को नहीं मिलेगा कर्जमाफी का लाभ
किसानों ने वित्त मंत्री से कम ब्याज पर ऋण मुहैया कराने की मांग की