मंदी की दास्तां बयां कर रहा है मशीनरी उद्योग

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 5:06 AM IST

दिल्ली में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में लघु उद्योग मशीनरी का स्टॉल आर्थिक मंदी की दास्तान बयान कर रहा है। 


प्रदर्शनी टेक्मार्ट इंडिया-2008 में बेकिंग मशीन, कूकिज ड्रॉपिंग मशीन, ऑटोमेटिक फिलिंग एंड पैके जिंग मशीन, ऑटोमेटिक पापड़ मेकिंग मशीन, सोया मिल्क और सोया पनीर मशीन से लेकर चांदी निकालने वाली मशीन तक मौजूद हैं, लेकिन नहीं हैं तो बस खरीदारी के इच्छुक कारोबारी।

आज जब बैंक लोगों को कर्ज देने से कतरा रहे हैं तो यहां लघु उद्योगों के लिए कई तरह की ऋण योजनाओं के साथ पंजाब नेशनल बैंक और भारतीय स्टेट बैंक भी मौजूद हैं। इसके बावजूद कारोबार में करीब 40 फीसदी तक कमी का अनुमान है।

राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के मुख्य प्रबंधक और पैवेलियन निदेशक मोहनलाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘लघु उद्योग मशीनरी के लिए अभी तक 867 पूछताछ आई हैं। ये पूछताछ लगभग 10 करोड़ 32 लाख रुपये की हैं। घरेलू कारोबारियों के अलावा इन मशीनों के लिए निर्यात के लिए भी लगभग 43 पूछताछ आई हैं, जो करीब 404 लाख रुपये है। ‘ टेकमार्ट इंडिया में इस साल 205 इकाइयां शामिल हुई हैं।

फाइनेंशियल एकाउंट के डीजीएम एस के हांडा ने बताया कि इस बार कारोबार में 30 से 40 फीसदी की कमी हो सकती है। हालांकि यह मेले के अंतिम दिन ही पता चल पाएगा कि कितना कारोबार हुआ है। उन्होंने कहा कि मंदी के कारण लघु उद्योग मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं और इसका असर उनके कारोबार पर भी हो रहा है।

प्रदर्शनी में शामिल कारोबारियों का कहना है कि वे पूरे देश से आर्डर हासिल करने के लिए व्यापार मेले में शिरकत करते हैं। लेकिन आलम यह है कि यहां आने वाले 100 लोगों में 60 तो स्थानीय होते हैं जिनका मकसद मशीनों को केवल देखना ही होता है जबकि 40 ऐसे हैं जो अपने कारोबार के लिए मशीन खरीदने के लिए बाहर से आए हैं।

लेकिन फिर भी ऑर्डर कम मिल रहे हैं। लघु उद्यमी मेले में बेकिंग मशीन और कूकिज ड्रॉपिंग मशीन, कैंडिल मेकिंग मशीन, रबर पाइप, ऑटोमेटिक फिलिंग एंड पैके जिंग मशीन, ऑटोमेटिक पापड़ मेकिंग मशीन, पेवमेंट ब्लॉक मेकिंग मशीन, सोया मिल्क सोया पनीर मशीन और चांदी निकालने वाली मशीन के बारे में भी काफी पूछताछ कर रहे हैं।

हालांकि ज्यादातर मामलों में सौदे पक्के नहीं हो पा रहे हैं। पैकेजिंग कंपनी स्विफ्ट पैक अलग-अलग तरह की स्ट्रैपिंग, सीलर और श्रिंक मशीन के साथ इस मेले में आई है। स्ट्रैपिंग मशीन की कीमत है 28,000 रुपये और पाउच सीलिंग मशीन की कीमत है 18,000 रुपये।

कंपनी के एक अधिकारी संजीव शर्मा कहते हैं कि ‘पिछले साल के मुकाबले कारोबार 60 प्रतिशत घटा है। लोग इन मशीनों को देखकर चले जाते हैं, उनमें कोई उत्साह नहीं है। लगता है कि मांग में अनिश्चिता के कारण छोटे उद्यमी कोई भी जोखिम नहीं  लेना चाहत हैं।’

लघु उद्योगों के लिए विभिन्न तरह की मशीन बनाने वाले किशोर एंड कंपनी के बृज किशोर कहते हैं कि उनकी मशीनों के लिए स्थानीय पूछताछ 200 और निर्यात के लिए केवल 6 आई हैं। ये आंकड़े बीते सालों के मुकाबले काफी कम है।

बेकरी सामान बनाने और इसकी डिजाइनिंग मशीन के बारे में सीमा बताती हैं कि बिजली और डीजल से चलने वाली इस मशीन की कीमत 13 लाख रुपए है जबकि इसका एक ओवन ढाई लाख का। सीमा कहती है, ‘ इस साल तो ग्राहकों की बहुत कमी खल रही है। अब तक केवल 5-6 मशीन ही बिक पाई हैं जबकि पिछले साल 250 से 300 मशीनों की बिक्री हुई थी।’

यहां मोमबत्ती बनाने वाले मशीन की कीमत है 40,000 हजार रुपये। इससे जुड़े संतराम बताते हैं कि इस मशीन के जरिए 10 मिनट में 120 मोमबत्ती बनती हैं। संतराम यह मानते हैं कि पिछले साल के मुकाबले ग्राहक कम आ रहे हैं और मशीनें भी बहुत कम बिक रही हैं।

पर मंदी के इस दौर में जिस चीज की मांग बढ़ी है, वह है सोया मिल्क और सोया पनीर की मशीन। इन मशीनों की कीमत 2.45 लाख रुपये से लेकर 4 लाख रुपये तक है।

अभिजीत बोस कहते हैं, ‘पिछले साल इन मशीनों की मांग में 30 फीसदी की वृद्धि हुई थी जबकि इस साल मांग में 70 फीसदी तक का उछाल देखने को मिल रहा है। इस मशीन की मांग इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि दूध से बने पनीर को लोग ज्यादा वसा और कम विटामिन होने की वजह से पसंद नहीं कर रहे हैं। दूसरी ओर सोया पनीर में विटामिन ज्यादा होता है और वसा कम।’

यहां एस्बैस्टस के लिए एक ऑयन स्टील की रंग बिरंगी मेटल रुफिं ग शीट का विकल्प भी ग्राहकों को भा रहा है। इसके लिए लोगों ने काफी ऑर्डर भी दिया है। दरअसल इसे लगाने के लिए ज्यादा मजदूरों की जरूरत नहीं होती है और यह सस्ता भी होता है।

First Published : November 25, 2008 | 9:08 PM IST