कंगना, अर्णव पर महाराष्ट्र सरकार सख्त

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 6:37 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिकंजे में फंसे शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक की तरफ से अभिनेत्री कंगना रनौत और अर्णव गोस्वामी के खिलाफ लाए गए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया। विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर एक समिति बनाई गई थी। अब इस समिति की समय सीमा को अगले सत्र के आखिरी दिन तक बढ़ा दिया गया है। विपक्ष ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।
महाराष्ट्र विधानसभा अध्‍यक्ष नाना पटोले ने सदन की कार्यवाही के दौरान कहा कि अगर कोई चैनल राज्य के मुख्यमंत्री के बारे में गलत बोलता है तो इसका मतलब है कि वह इस सदन का अपमान कर रहा है। विशेषाधिकार हनन के नोटिसों पर रिपोर्ट देने के लिए विशेषाधिकार समिति को मंगलवार को विधानसभा के अगले सत्र के अंतिम दिन तक का समय दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री हैं और राज्य के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा क‌ि यह मामला व्यक्ति का नहीं है, बल्कि पद का है और पद का अपमान राज्य और विधानसभा का अपमान है। विधान परिषद में दरेकर ने नोटिसों पर रिपोर्ट देने के लिए विशेषाधिकार समिति को मंगलवार को और समय देने का विरोध किया।
भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने मंगलवार को विधानसभा में पूछा कि नोटिस को कब स्वीकार किया गया और इसे कब प्रस्ताव में बदला गया,  क्या वाजिब प्रक्रिया का अनुसरण किया गया था। मुनगंटीवार ने कहा कि विशेषाधिकार हनन का इस्तेमाल उनके खिलाफ किया जाता है जो सदन के कामकाज में रूकावटें डालते हैं। भाजपा विधायक अतुल भटकलकर ने कहा क‌ि जब व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मानहानि कानून हैं तो विधानसभा का इस्तेमाल क्यों किया जाए। राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि एजेंडे में सूचीबद्ध कार्यों में विशेषाधिकार समिति को अपनी रिपोर्ट देने के लिए सिर्फ और समय दिए जाने का उल्लेख है। विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष दीपक केसरकर ने कहा कि नोटिस को विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार किया और समिति को भेजा। उन्होंने कहा क‌ि मुद्दे पर किसी भी प्रकार की चर्चा अध्यक्ष के अधिकार का अतिक्रमण होगी। राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री अनिल परब ने कहा कि सभी विधायकों के विशेषाधिकार हैं और अगर उन्हें इस्तेमाल नहीं किया जाए तो वे किस काम के।
विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी के बाद कंगना को विधानसभा में हाजिर होकर अपना स्पष्टीकरण देना होगा। इस प्रस्ताव पर सरनाइक ने कहा कि कंगना ने मुझे और मेरे परिवार को देश में बदनाम किया है। मेरा परिवार अनावश्यक रूप से लक्ष्‍य बना। इस संबंध में मैंने सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है और मैंने सदन से इसे तुरंत मंजूरी देने का अनुरोध किया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है। शिवसेना विधायक प्रताप सरनाइक ने 7 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में गोस्वामी तथा रनौत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के नोटिस जमा कराए थे। रनौत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से मुंबई की तुलना की थी । इसके बाद सरनाइक और अभिनेत्री के बीच जुबानी जंग भी हुई थी। विधायक ने 2018 के खुदकुशी के लिए कथित रूप से उकसाने के एक मामले को फिर से खोलने की भी मांग की थी, जिसमें गोस्वामी को हाल में गिरफ्तार किया गया था। गोस्वामी फिलहाल जमानत पर हैं। जगताप और शिवसेना की विधान पार्षद मनीषा कायंदे ने भी 8 सितंबर को गोस्वामी के खिलाफ नोटिस जमा कराए थे। उसी दिन जगताप ने भी ‘पीओके’ टिप्पणी के लिए रनौत के खिलाफ नोटिस जमा कराए थे।
गौरतलब है क‌ि सरनाईक 175 करोड़ के धन शोधन घोटाले में सरनाइक ईडी के रडार पर हैं। इसके लिए सरनाईक को पूछताछ के लिए तीन बार समन भी भेजा जा चुका है। ईडी ने 24 नवंबर को 10 जगहों पर छापे मारे थे, जिसमें मुंबई और ठाणे में सरनाइक, उनके करीबियों के घर और कार्यालय शामिल थे।

First Published : December 16, 2020 | 12:50 AM IST