राज्य में कम बरसात होने की वजह से विद्युत उत्पादन में भी कमी है। जिससे के वजह से महाराष्ट्र सरकार ने लोडशेडिंग की समय सीमा और बढ़ाने का निर्णय लिया है।
लेकिन सरकार के इस फैसले में मुंबई को नहीं शामिल किया गया है। राज्य के ऊर्जा मंत्री दीलिप वल्से पाटिल ने कहा कि मुंबई को छोड़कर राज्य के सभी जिलों में जारी बिजली कटौती में एक घंटे की बढ़ोत्तरी की जाएगी। इस समय राज्य में 19,500 मेगावाट बिजली का जरुरत हैं जबकि कुल उत्पादन 15,000 मेगावाट ही हो पाता है।
सह्याद्री गेस्ट हाउस में राज्य के बिजली अधिकारियों से बिजली आपूर्ति पर सलाह करने के बाद ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बरसात कम होने की वजह से राज्य मे चल रही बिजली उत्पादन ईकाइयां अपने क्षमता के अनुसार काम नहीं कर पा रही है। जिसके कारण सरकार को मजबूरी में यह फैसला लेना पड़ा है।
बिजली कटौती की समय सीमा एक घंटे और बढ़ाने की बात राज्य के कैबिनेट की होने वाली बैठक में पेश किया जाएगा इसके बाद यह फैसला लागू हो जाएगा। बिजली कटौती करने की एक और मुख्य वजह रत्नागिरी पवार प्रोजेक्ट का 600 मेगावाट उत्पादन करने वाला एक यूनिट में खराबी आ जाने के कारण राज्य में बिजली की कमी हो गई है। राज्य में पहले से ही विभिन्न जिलों में 3 से 16 घंटे तक की बिजली कटौती की जा रही है। सरकार के इस फैसले से कृषि और उद्योग-धन्धों पर बुरा असर पड़ेगा।
इस पर ऊर्जा मंत्री का कहना था कि यह बात हमें पता है इसीलिए उद्योग वाले एरियों में जहां 16 घंटे बिजली की कटौती होती थी अब सप्ताह में सिर्फ एक दिन यानी रोज रोज कटौती न करके सिर्फ 24 घंटे एक ही दिन छुट्टी वाले दिन की जाएगी। यह निणर्य एमआईडीसी वाले क्षेत्रों में लागू होगा। साथ ही सरकार ने रत्नागिरी के खराब हुए यूनिट को जल्द से जल्द सही करने के साथ ही 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन का आदेश दिया है।