लखनऊ स्थित मेघदूत ग्रामोद्योग सेवा संस्थान (एमजीएसएस) ने उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पैठ बनाने की योजना बनाई है।
इसके अलावा मेघदूत की मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली में भी विस्तार की योजना है। मेघदूत आयुर्वेदिक और हर्बल उत्पाद तैयार करती है। कंपनी इस समय 200 से अधिक उत्पाद तैयार करती है और अब वह ग्रामीण जरूरतों के अनुसार पैकिंग में भी बदलाव कर रही है।
मेघदूत ग्राम उत्पाद के प्रबंध निदेशक अतुल शुक्ला ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘हमने राज्य के छोटे कस्बों और गांवों में आक्रामक विस्तार के लिए कदम उठाए हैं। 50,000 से अधिक आबादी वाले कस्बों में हमारे उत्पाद पहले से हैं।
नई पहल के तहत हम 50,000 से कम आबादी वाले कस्बों में भी जाएंगे।’ 40,000 से अधिक रिटेल आउटलेट के जरिए राज्य में कंपनी का तगड़ा विपणन नेटवर्क है। इन रिटेल आउटलेट में गांधी आश्रम, कंपनी के विशेष शो रूम और खुदरा दुकानें शामिल हैं।
कंपनी के बिक्री प्रबंधक अतुल वर्मा ने बताया कि ‘उत्तर प्रदेश के हर्बल शैंपू बाजार में हमारी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके अलावा हम ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वाजिब कीमतों में उत्पादों की एक अलग श्रंखला जारी करेंगे जिसमें च्यवनप्राश, हर्बल फेश पैक, साबुन और शैंपू शामिल हैं।’ कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक अपनी मौजूदगी को 150 कस्बों से बढ़ाकर 250 कस्बों तक करने की योजना बनाई है।
वर्मा ने बताया कि इसके लिए हम अपनी डीलरशिप का विस्तार करेंगे और प्रमोशन तथा विज्ञापन पर काफी खर्च करेंगे। हमने देश भर में गांधी आश्रम के साथ गठजोड़ कायम किया है ताकि उनके काउंटर पर अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया जा सके।
इसके अलावा हम इंडियन ऑयल के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि किसान सेवा केंद्र में उत्पादों को प्रदर्शित किया जा सके। कंपनी की लखनऊ और नोएडा में दो विनिर्माण इकाइयां हैं। उन्होंने बताया कि मेघदूत अपने उत्पादों के जरिए अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया करने पर जोर देता रहेगा।