सड़कों पर बढ़ते यातायात को कम करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार राज्य में मेट्रो लाने की योजना बना रही है। सरकार भोपाल और इंदौर से इसकी शुरुआत करेगी।
इसके लिए राज्य के अधिकारियों ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के साथ मिलकर इस परियोजना का ब्लू प्रिंट भी तैयार कर लिया है। अगर ऐसा हो जाता है तो राज्य के परिवहन इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा।
स्थानीय स्वशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने बताया, ‘इस मामले पर मैंने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक ई. श्रीधरन से बातचीत की है। जल्द ही डीएमआरसी की एक टीम भोपाल और इंदौर का दौरा भी करेगी। इसके बाद मेट्रो के संभावित रूट के लिए चार्ट बनाया जाएगा।’
उन्होंने कहा कि भोपाल की मौजूदा जनसंख्या 20 लाख है। लेकिन यह शहर काफी तेजी से विस्तार कर रहा है। आने वाले पांच साल में शहर की जनसंख्या दोगुनी होने की संभावना है। ऐसे में सड़कों पर यातायात काफी अस्त-व्यस्त हो जाएगा।
गौर ने कहा, ‘अगर हम समय रहते ही यातायात के ढांचे पर ध्यान नहीं देंगे तो आने वाले समय में हमारे लिए काफी मुश्किल होगी। वैसे भी शहर का विकास काफी तेजी से हो रहा है। ऐसे में हमें इसी समय कुछ करना होगा।’
इस परियोजना पर होने वाले खर्च के बारे में उन्होंने बताया, ‘हमारे पास फंड की कमी नहीं है। इसके लिए हम कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बातचीत कर रहे हैं। इससे यातायात तो आसान होगा ही बल्कि इससे प्रदूषण भी कम होगा और वाहनों से निकलने वाले खतरनाक रसायनिक धुंए में भी कमी आएगी।’
उन्होंने कहा कि इस परियोजना को पूरा होने में कम से कम 7 साल का समय लगेगा। लेकिन यह भी तब अगर हम अभी काम शुरू कर देंगे। फिलहाल भोपाल में यातायात की हालत काफी अस्त-व्यस्त है। पार्किंग के लिए निश्चित जगह नहीं है।
इस परियोजना पर राज्य सरकार लगभग 12,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी और इससे मंडीदीप जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में यात्रा करने वाले लोगों को काफी आसानी होगी।
गौर ने बताया, ‘सरकार की योजना मंडीदीप से बैरागढ़ के बीच मेट्रो शुरू करने की है।’ मंडीदीप भोपाल का औद्योगिक क्षेत्र है, वहीं भोपाल से कुछ दूर व्यापारियों का कस्बा बैरागढ़ स्थित है।