जम्मू और कश्मीर में करीब 2500 छोटी औद्योगिक इकाइयां बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। इसकी वजह केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्र उत्पाद कर छूट को वापस लेना है।
केन्द्र सरकार के फैसले को कंपनियों के लिए मौत का वारंट बताते हुए फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रीज जम्मू के अध्यक्ष अनिल सूरी ने बताया कि राज्य के छोटे उद्योग इस समय सकते में हैं और इससे राज्य में उद्योगों को अभी तक दी गई छूट का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा।
सूरी ने कहा कि उद्योगपति अभी समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर पहले केन्द्र ने क्यों छूट दी और अब उन्हें क्यों वापस ले लिया गया है। उन्होंने दावा किया कि इस फैसले से राज्य में करीब 2500 छोटी इकाइयां बंद हो जाएंगी।
आएगा भारी निवेश: उद्योग संगठन एसोचैम के एक अध्ययन के मुताबिक जम्मू और कश्मीर में 2012 तक करीब 28,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। एसोचैम के अध्यक्ष वेणूगोपाल धूत ने कहा है कि राज्य में औद्योगिक विकास की काफी संभावनाएं हैं लेकिन दुर्भाग्य से इस संभावनाओं से पूरा लाभ नहीं उठाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अगले चार वर्षो के दौरान राज्य में 28,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा।