कर संग्रह में मुंबई की बादशाहत कायम

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 5:15 PM IST

मुंबई में 60 फीसदी ज्यादा आयकर संग्रह होने के बीच वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि अगले वित्त वर्ष में देश की वित्तीय राजधानी से और भी ज्यादा कर संग्रह की उम्मीद है।


लार्ज टैक्स पेयर यूनिट (एलटीयू) का उद्धाटन करते हुए उन्होंने कहा कि आयकर संग्रह बजट अनुमानों से बेहतर है। मुंबई ने कर संग्रह में 60 फीसदी वृध्दि दर्ज की है। मुझे उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष में मुंबई का प्रदर्शन और बेहतर होगा।


एलटीयू करदाताओं को देश में कर प्रशासन और बेहतर बनाने में मददगार है। यह सेवा केंद्रित माहौल प्रदान करता है। बेंगलूर और चेन्नई के बाद मुंबई तीसरा शहर है जहां एलटीयू की स्थापना हुई है। अगले चरण में दिल्ली और कोलकाता में ए केंद्र खोले जाएंगे जो कंपनियों को सभी केंद्रीय कर अदा करने के लिए एकल खिड़की की सुविधा देते हैं।


वित्त मंत्री ने कहा कि मुंबई में इस बात की पूरी क्षमता है कि करीब 150 बड़े आयकरदाता एलटीयू में शामिल हो सकें। अभी तक इस योजना के तहत 18 करदाता हस्ताक्षर कर चुके हैं। देश के प्रत्यक्ष कर संग्रह में मुंबई की करीब एक तिहाई हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि मितव्ययिता के लिहाज से भारत का कर प्रशासन काफी प्रभावशाली है। भारत में कर प्रशासन प्रति 100 रुपये इकट्ठा करने के लिए महज 60 पैसा खर्च करता है। यह आंकड़ा दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले काफी कम है।


उन्होंने कहा कि एलटीयू के मामले में कर संग्रह की लागत में भारी गिरवट होगा और यह प्रति 100 रुपये के लिए घटकर महज 4.5 पैसा रह जाएगा।वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से  कहा कि दिल्ली एलटीयू की शुरूआत मई में होगी जबकि चालू वर्ष के अंत में कोलकाता में एलटीयू काम करने लगेगा। एलटीयू एक एकल विंडो इकाई है जो बड़े कारोबारियों से प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर दोनों के संग्रह का काम करता है।


एलटीयू के तहत ऐसे कारोबारी अपने कर का भुगतान कर सकते हैं जो अग्रिम आयकर के तौर पर 10 करोड़ रुपये से अधिक या फिर उत्पाद शुल्क या सेवा कर के तौर पर 5 करोड़ रुपये से अधिक अदा करते हैं, वे एलटीयू में शामिल हो सकते हैं। हालांकि यह योजना वैकल्पिक है और यदि करदाता चाहे तो इससे अलग रह सकते हैं।


वित्त मंत्री ने इस बात का भरोसा दिलाया है कि वर्ष 2007-08 के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह 3,04,445 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमानों से भी आगे निकल जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘प्रत्यक्ष कर संग्रह अनुमानों के कुछ हजार करोड़ रुपये अधिक रहेगा।’ राजस्व संग्रह में चालू वित्त वर्ष के दौरान 40 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी देखी गई है। इस दौरान 3,65,000 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

First Published : March 28, 2008 | 10:13 PM IST