नैनो गई, अब निशाने पर मेट्रो कैश एंड कैरी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 11:07 PM IST

पश्चिम बंगाल में छोटे कारोबारियों और रेहड़ी वालों की शीर्ष निकाय फेडरेशन ऑफ पश्चिम बंगाल ट्रेड एसोसिएशन (एफडब्लूबीटीए) ने 10 अक्टूबर को काला दिवस मनाने का फैसला किया है।


फेडरेशन जर्मन  की थोक खुदरा कंपनी मेट्रो कैश एंड कैरी को कोलकाता में ईस्टर्न मेट्रोपोलिटन बाइपास पर ऑउटलेट की परिचालन शुरू करने के लिए कृषि उत्पादन विपणन समिति (एपीएमसी) द्वारा लाइसेंस दिए जाने का विरोध कर रही हैं।

एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश सिंघानिया द्वारा जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम बंगाल के छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए 10 अक्टूबर सबसे बुरा दिन होगा। पश्चिम बंगाल के कृषि विपणन बोर्ड और सीपीआई (एम) नेताओं को चलाने वाले वाम मोर्चा के घटक फॉरवर्ड ब्लॉक (एफबी) 10 अक्टूबर को मेट्रो कैश एंड कैरी को एपीएमसी लाइसेंस नवीनीकृत करेगी।

हालांकि राज्य कृषि विपणन बोर्ड शहर के छोटे कारोबारियों की रक्षा के लिए मेट्रो पर कुछ शर्तें लागू करेगी, जिसकी औपचारिक घोषणा 10 अक्टूबर को की जाएगी। सिंघानिया ने बताया, ‘यह बहुत अफसोस की बात है कि फेडरेशन के अच्छे प्रयासों के बावजूद वाम मोर्चा सरकार को इस विनाशकारी भूल का एहसास नहीं हो रहा है कि वे मेट्रो कैश एंड कैरी या अन्य विदेशी या भारतीय घरानों को पश्चिम बंगाल में कारोबार करने के लिए लाइसेंस मुहैया करा रहे हैं।

लाइसेंस इन कंपनियों को थोक और फुटकर कारोबार शुरू करने के लिए दरवाजें खोल देगी जो लंबे समय में छोटे और मझोले कारोबारियों के खतरा बन जाएगी।’ सिंघानिया ने बताया, ‘यह बहुत दुख की बात है कि राज्य सरकार को भी इस बात का एहसास नहीं है कि मेट्रो यहां स्थानीय उत्पादों का निर्यात करेगी, जिसके परिणास्वरूप उपज की कमी और कीमतों में तेजी के साथ ही साथ राज्य में बेरोजगारी बड़ी समस्या बन कर उभरेगी।

एपीएमसी लाइसेंस केवल कृषि उपज पर प्रतिबंध लगा सकती है लेकिन इसमें गैर कृषि एफएमसीजी, घरेलू उपकरणों, रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल में लाए जाने वाली सामग्रियों, इलेक्ट्रॉनिक आदि को शामिल नहीं किया गया है। एसोसिएशन ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि संगठित रिटेल के खिलाफ प्रतिरोध, आंदोलन और विरोध प्रदर्शन जारी रखने के लिए दृढ़ संकल्प करना होगा।

सिंघानिया ने बताया, ‘पश्चिम बंगाल के कारोबारियों और उपभोक्ताओं की रक्षा के लिए सरकार को संगठित रिटेल के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है और साथ ही उन्हें परिशोधन करने की आवश्यकता है क्योंकि यह राज्य के राजस्व का सवाल है।’

सिंघानिया ने बताया कि स्थानीय बाजार से खरीद करने के बाजाए किसानों से सीधी खरीद के लिए इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है। यहां हजारों ऐसे बिचौलिय हैं जो आपूर्ति श्रृंखला में कार्यरत हैं। बड़े खुदरा विक्रेताओं के आने से यह श्रृंखला नष्ट हो जाएगी और हजारों लोगों की आजीविका भी छीन जाएगी।

First Published : October 9, 2008 | 10:05 PM IST