हर्षद मेहता द्वारा किए गए शेयर घोटाले के 16 साल बाद सरकार ने माधुली अपार्टमेंट के 8 फ्लैट को कब्जे में ले लिया है। इन फ्लैटों में फिलहाल मेहता के परिवार वाले रह रहे थे।
वर्ष 1992 में हुए इस घोटाले से जुड़े मामलों की जांच के तहत इन फ्लैटों के लिए संरक्षक की नियुक्त कर दी गई है और 4 फरवरी को इन फ्लैटों की नीलामी की जाएगी। माधुली हाउसिंग कोआपरेटिव सोसाइटी में मेहता के परिवार वालों के पास 9 फ्लैट हैं लेकिन इनमें से एक फ्लैट को नहीं बेचा जाएगा।
यह फ्लैट हर्षद मेहता की मां रसीला एस मेहता के नाम से है। हर्षद मेहता के परिवार में चार भाई, उसकी पत्नी, बच्चे और उसकी मां हैं। ये सभी संयुक्त परिवार के तौर पर रहते हैं। माधुली हर्षद मेहता की सर्वाधिक कीमत वाली परिसंपत्ति है। फ्लैट के मुख्य हाल में धूल और कपड़े से ढकी हुई एक बिलियड्र्स टेबल है।
एक सोफा है और दीवारों से पेंट की पपड़ी उधड़ रही है। दूसरी ओर कुछ लोग अपार्टमेंट की सफाई में लगे हुए हैं। अपार्टमेंट के प्रवेश द्वार पर बैठा चौकीदार यह सोचकर कि हम किसी बैंक से आए हैं कहता है कि हर्षद के कब्जे वाली दो मंजिलों में इंटरकॉम सुविधा काम नहीं कर रही है।
अपार्टमेंट की चौथी मंजिल का कब्जा रखने वाले सुधीर मेहता से मोबाइल पर फोन करने पर उन्होंने बताया कि ‘इस मसले पर मेरे भाई (अश्विनी मेहता) से बात कीजिए।’ उन्होंने हालांकि अश्विनी से संपर्क करने के लिए कोई जानकारी नहीं दी और कहा कि वह एक मीटिंग में हैं।
इस बारे में फ्लैटों के लिए नियुक्त संरक्षक से बात करने पर उन्होंने बताया कि इन आठ फ्लैटों के मालिकों पर माधुली कोआपरेटिव सोसाइटी का पर 1.5 करोड़ रुपये बकाया हैं।
इससे पहले संरक्षक जब हर्षद, उनके परिवार वालों और अन्य अधिसूचित पक्षों की परिसंपत्तियों की नीलामी कर रहे थे तो माधुली की प्रापर्टी को लेकर काफी विवाद हुआ था।
मेहता परिवार ने दलील दी कि इस प्रापर्टी को शेयर घोटाले से पहले 1990 में खरीदा गया था, इसलिए उनका कब्जा बना रहना चाहिए। इसके बाद अदालत ने उन्हें राहत दे दी। लेकिन बाद में नवंबर में सर्वोच्च न्यायालय ने बिक्री को मंजूरी दी दी।
हर्षद मेहता की पत्नी ज्योति मेहता द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा कि ‘…चूंकि इस सभी आवासीय परिसंपत्तियों को खरीदने के लिए हर्षद मेहता ने पैसे दिए थे, इसलिए इन्हें हर्षद मेहता की परिसंपत्ति मानना चाहिए।’
संरक्षक कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि फ्लैटों के लिए बोली हासिल होने के बाद विशेष अदालत बिक्री को मंजूरी देगी। अधिकारियों ने न्यूनतम मूल्य का खुलासा नहीं किया है लेकिन कहा कि प्रॉपर्टी बाजार में आई गिरावट के बाद मूल्यांकन में भी कमी की गई है।
वर्ली में प्रापर्टी की अनुमानित कीमतों के मुताबिक रियल एस्टेट सलाहकार बताते हैं कि फ्लैटों की कीमत 35,000 रुपये प्रति वर्ग फीट से अधिक होगी।
इन 8 फ्लैटों की बिक्री से संरक्षक 44 करोड़ रुपये जुटा सकते हैं। इस बिक्री से मिले धन से कर विभाग, बैंकों और अन्य व्यक्तियों के बकायों को चुकाया जाएगा।