उत्तराखंड में दो माह टली नई आबकारी नीति

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 7:00 PM IST

उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2008-09 के लिए नई आबकारी नीति को दो माह के लिए टाल दिया है लेकिन राजस्व लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी तरह की शराब की दुकानों की लाइसेंस फीस में 16 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।


नई व्यवस्था के तहत उत्तराखंड में सभी 471 सरकारी दुकानों के लाइसेंस की अवधि को दो माह के लिए बढ़ा दिया गया है लेकिन दुकानों को वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान 16 प्रतिशत अधिक भुगतान करना पड़ेगा। प्रति दुकान न्यूनतम गारंटी शुल्क को 10 से 27 प्रतिशत के बीच तय किया गया है।


राज्य में स्थनीय निकाय चुनाव होने वाले हैं। चुनाव आचार संहिता के कारण नई आबकारी नीति को टला दिया गया है। आबकारी सचिव रणवीर सिंह ने कहा कि ‘हम दो माह में नई आबकारी नीति की घोषणा करेंगे।’


उन्होंने कहा कि नई नीति की घोषणा के बाद ही शराब की ताजा दुकानों का आवंटन किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि वर्ष 2007-08 के दौरान उसे आबकारी से 425 करोड़ रुपये की आमदनी हो सकेगी जबकि इस दौरान 417 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य तय किया गया था। चालू वित्त वर्ष 2008-09 के लिए 501 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करने का लक्ष्य है। यह आंकड़ा बीते वर्ष के मुकाबले 20 प्रतिशत अधिक है।


अधिकारियों ने कहा है कि बढ़े हुए लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उन्हें उम्मीद है कि सरकार नई दुकानों को खोलकर आबकारी कारोबार का विस्तार करेगी। योजना के तहत करीब उत्तराखंड के विभिन्न इलाकों में शराब की 40 नई दुकानों को खोलने का प्रस्ताव है। राज्य में पिछले 7 वर्षो के दौरान शराब की खपत बढ़ने से आबकारी से मिलने वाले राजस्व में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। लेकिन पिछले तीन वर्षो से यह राशि 290 से 300 करोड़ रुपये के बीच ही बनी हुई है।


हालांकि पिछले साल शराब बिक्री से होने वाली आमदनी में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।इससे पहले घोषित नीति में सरकार ने शराब के थोक कारोबार नहीं करने का फैसला किया। राज्य की तीन सरकारी कपंनियों गढ़वाल मंडल विकास निगम, कुमाऊं मंडल विकास निगम और उत्तरांचल पूर्व सैनिक कल्याण उद्यम लिमिटेड को शराब का कारोबार करने से रोक दिया गया है।


अधिकारियों ने कहा कि विनिर्माताओं को थोक बिक्री का अधिकार देने के बाद राजस्व में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि राजस्व केबढ़ाने के लिए मौजूदा व्यवस्था में कुछ और सुधार किए जाएंगे। इन सुधारों में  विपणन व्यवस्था में बदलाव भी शामिल हैं।

First Published : April 3, 2008 | 10:14 PM IST