उत्तराखंड सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के वास्ते भूमि आबंटन के लिए नई नीति की घोषणा कर दी है। नई नीति लागू होने के बाद भूमि की कीमत लगभग 200 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है।
नई नीति के तहत औद्योगिक भूखंड की कीमत पिछले बार के सर्वाधिक बोली मूल्य के मुकाबले 125 फीसदी अधिक हो जाएगी। अन्य शब्दों में कहें तो साल 2006 में लगाई गई बोली प्रक्रिया में औद्योगिक भूमि की जो कीमत तय की गई थी, उसमें करीब 200 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
मान लीजिए किसी ग्राहक ने पंतनगर में जमीन खरीदी है, तो सरकार उस ग्राहक से पिछले सर्वाधिक बोली मूल्य जो साल 2006 में 3600 रुपये प्रति वर्ग मीटर थी, पर 125 फीसदी अधिक प्रीमियम वसूल करेगी। सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड के मुख्य इलाकों जैसे- हरिद्वार, पंतनगर और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी भूमि का बड़ा हिस्सा उपलब्ध है।
राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत सुविधा विकास निगम (सिडकुल) इन क्षेत्रों का विकास कर रही है। एक अनुमान के मुताबिक हरिद्वार और पंतनगर औद्योगिक एस्टेट में करीब 300 एकड़ जमीन उपलब्ध है। इन औद्योगिक क्षेत्रों में टाटा मोटर्स, हीरो होंडा, अशोक लीलैंड और नेस्ले जैसी देश की तमाम बड़ी कंपनियों की फैक्टरियां हैं। राज्य सरकार 31 मार्च 2010 के अंत तक रियायती औद्योगिक पैकेज (सीआईपी) लेकर आने वाली है। जहां एक ओर सरकार यहां की जमीनों से पैसे बनाने के लिए इच्छुक है, वहीं अनेक कंपनियां जमीन खरीदने को तैयार बैठी है।
राज्य के मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूड़ी ने पहले ही इस बात के संकेत दिए थे कि जहां तक औद्योगिक भूखंडों के आबंटन का सवाल है, उनकी सरकार खुली बोली की प्रक्रिया नहीं करने जा रही है। बजाज ऑटो, नेस्ले और टाटा मोटर्स सहित देश की करीब 100 औद्योगिक कंपनियां पंतनगर और हरिद्वार औद्योगिक एस्टेटों के अधिसूचित क्षेत्रों में जमीन की खरीदारी के लिए राज्य सरकार से गुहार लगा रही हैं। ये कंपनियां जमीन की खरीदारी अपने विभिन्न विस्तार कार्यक्रमों के लिए करना चाहती हैं।
पंतनगर और हरिद्वार औद्योगिक एस्टेट में जमीन की मौजूद कीमत 2500 रुपये प्रति वर्ग मीटर है। उल्लेखनीय है कि साल 2004 से लेकर अभी तक दोनों ही एस्टेटों में जमीन की कीमतों में 400 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। साल 2004 में इन एस्टेटों में जमीन की कीमत 560 रुपये प्रति वर्ग मीटर थी, जिसकी कीमत साल 2006 में बढ़कर 1500 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच गई। हिंदुजा समूह की एक प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड ने उत्तराखंड में अपने निवेश की प्रक्रिया को दोगुना करने का फैसला किया है।
मसलन, अब लीलैंड अपने विस्तार कार्यक्रम के तहत राज्य में निवेश क्षमता को 1000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2000 करोड़ रुपये करेगी। कंपनी के प्रस्ताव को राज्य सरकार से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। उल्लेखनीय है कि साल की शुरूआत में ही कंपनी को पंतनगर में 17 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी। इसी तरह टाटा मोटर्स भी पंतनगर में अपनी निर्माण सुविधा के लिए 2000 करोड़ रुपये निवेश करेगी। और यही वजह है कि टाटा मोटर्स भी राज्य में अधिक जमीन खरीदने की योजना बना रही है।
उत्तराखंड सरकार ने उन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरु कर दी है जो टैक्स छूट योजना का फायदा तो ले रही हैं लेकिन उन्होंने हरिद्वार और पंतनगर में आबंटित औद्योगिक भूखंडों पर कोई निर्माण कार्य या उत्पादन शुरू नहीं किया है। लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि इन क्षत्रों में विकास कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।
उद्योग की ओर
नई नीति लागू होने से जमीन की कीमत 200 फीसदी तक बढ़ने की संभावना
राज्य सरकार 31 मार्च 2010 के अंत तक रियायती औद्योगिक पैकेज (सीआईपी) लेकर आएगी