महाराष्ट्र में जल संचयन की सीख दे रहा पानी फाउंडेशन

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 6:42 AM IST

विश्‍वजल दिवस के अवसर पर मुख्‍यमंत्री निवास पर सत्यमेव जयते समृद्ध गांव स्पर्धा में भाग लेने वाले विजेता गांवों की घोषणा हुई। इस मौके पर पानी फाउंडेशन के संस्‍थापक आमिर खान, उनकी पत्‍नी किरण राव और पानी फाउंडेशन की टीम भी मौजूद थी।

पानी फाउंडेशन पिछले पांच साल से महाराष्ट्र के गांव-गांव में जाकर जलसंवर्धन का काम कर रहा है। प्रसिद्ध अभिनेता आमिर खान का सत्यमेव जयते नामक जो टीवी कार्यक्रम था, उसकी टीम पानी फाउंडेशन का संचालन कर रही है। पानी फाउंडेशन के मुख्‍य कार्याधिकारी डॉ. सत्यजीत भटकल और डॉ. अविनाश पोल भी इस मुहिम में जुटे हैं।
वर्ष 2016 से गांवों के लोग सत्यमेव जयते स्पर्धा के माध्यम से अपने गांवों में मेहनत करते हुए जल संसाधन के लिए कार्य कर रहे हैं। हजारों गांवों के लोगों ने पांच साल से मेहनत करते हुए महाराष्ट्र में सत्यमेव जयते वाटर कप से जरिये 55 हजार करोड़ लिटर जल क्षमता बढ़ाई है। दुष्काल परिसर में गांव के लोग बारिश के पानी का भूमिगत संचयन करने के लिए श्रम कर रहे हैं। जल संचयन की वजह से गांव के कुओं, बोरवेल, तालाब आदि में काफी पानी रहता है। इससे गांव वालों को सूखे की स्थिति से निपटने में मदद मिलती है। पानी फाउंडेशन इसी उद्देश्‍य से सहायता कर रहा है।
फाउंडेशन गांव के लोगों को जल संचयन का प्रशिक्षण भी देता है। वर्षा जल इकट्ठा करने, उसका प्रयोग आदि सिखाने के लिए फाउंडेशन की टीम गांवों में जाकर प्रशिक्षण प्रदान करती है।
पानी फाउंडेशन के परियोजना निदेशक नामदेव ननावरे ने कहा कि सत्यमेव जयते वॉटर कप स्पर्द्धा में 39 तालुकों के 994 गांवों ने भाग लिया है। गांवों में लोग ग्रामसभा से स्पर्धा में सहभागी हुए हैं। जो गांव पुरस्‍कृत हुए हैं, उनके नामों की घोषणा कल ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पानी फाउंडेशन की टीम के सामने की है। कोरोना की परिस्थिति ध्‍यान में रखते हुए विजेताओं को जिलाधिकारी और मुख्य कार्याधिकारी के हाथों सम्‍मानित किया जाएगा।
कोरोना के समय ऑनलाइन वेदांतु के मार्फत प्रशिक्षण दिया गया था। पानी फाउंडेशन वेबसाइट  के माध्यम से भी प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्‍होंने कहा कि हमारे लोग तालुका में हैं। वे गांवों में जाकर  लोगों को पानी के बारे में समझाते हैं। बहते जल को रोकने और भूमिगत संचयन करके जल सरंक्षण किया जाता है।
ग्रामीणों को जल प्रबंधन सिखाया जाता है, क्योंकि गरमी के मौसम में पानी की ज्‍यादा जरूरत पड़ती है। दोबारा सूखे का सामना न करना पड़े, इसके लिए लोगों को समझाया जाता है। गांव के लोग बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।
ननावरे ने बताया कि जमीन के अंदर पानी की जितनी बचत होगी, उसका फायदा किसानों को होगा। लोग एकजुट होकर काम करेंगे, तो अच्‍छा परिणाम मिलेगा। लोगों को उनके खेती से अच्छा उत्पादन मिलना चाहिए। गांव समृद्ध करने के लिए हमारा प्रयत्न जारी है।

First Published : March 23, 2021 | 11:12 PM IST