अंतरराष्ट्रीय मंडियों में कच्चे तेल की कीमतों में लगी आग अब भारत तक पहुंच चुकी है।
आशंका जताई जा रही है कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति की दर दो अंकों में पहुंच जाएगी। कहना न होगा कि इसका सबसे अधिक खामियाजा आम आदमी को उठाना पड़ेगा। इस कारण प्रधानमंत्री की सफाई के बावजूद गुरुवार को कोलकाता, बिहार, मध्य प्रदेश सहित लगभग सभी राज्यों में केन्द्र के इस फैसले के विरोध का स्वर मुखर हो उठा।
बंगाल में थम गई जिदंगी
पश्चिम बंगाल में वामपंथी दलों द्वारा पेटोलियम उत्पादों की कीमतों में की गई बढ़ोतरी के विरोध में 12 घंटे के बंगाल बंद का राज्य के आम जनजीवन पर खास असर देखने को मिला और इस दौरान रेल यातायात और विमान सेवाएं प्रभावित हुईं। बंद के दौरान 16 लंबी दूरी की और ईएमयू रेलगाड़ियों को रद्द करना पड़ा।
कुछ उड़ानों को भी रद्द किया गया जबकि कई विमानों ने देर से उड़ान भरी। पटरी जाम किए जाने के कारण हावड़ा, सियालदह, आसनसोल और माल्दा स्टेशनों पर रेल यातायात प्रभावित हुआ। आज सुबह कोलकाता में तेज बारिश भी हुई।
बिहार भी जमकर बरसा
पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी का तीखा विरोध करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केन्द्र की संप्रग सरकार के इस निर्णय से महंगाई और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इससे अनेक वस्तुओं के दामों में वृध्दि होगी जिससे विकास कार्य बुरी तरह प्रभावित होगा।
नीतीश ने कहा कि केन्द्र सरकार को पेट्रोलियम पदार्थो में वृध्दि करने के बजाय कर ढांचे को तर्कसंगत बनाने सहित अन्य ऐहतियाती कदम उठाने चाहिए थे। राज्य में मूल्य वृद्धि के विरोध में कई स्थानों पर भाजपा और जदयू कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए।
मप्र में बढ़ोतरी वापस लेने की मांग
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों में की गई वृध्दि को जनता पर कुठाराघात बताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जनहित में इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है।
चौहान ने एक बयान में कहा कि इससे गरीब और साधनहीन लोगों के लिए तो जीना दूभर होगा साथ ही मध्यम तथा अन्य वर्गों के लिए भी इस बोझ को सहन करना बहुत कठिन होगा।चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि इस मूल्यवृध्दि से दो लाख करोड़ रुपये के घाटे का सिर्फ दस प्रतिशत पाटा जा सकेगा और 90 प्रतिशत फिर भी शेष रहेगा। इस बढ़ोतरी को वापस लिया जाना चाहिए।
राजस्थान में भाड़ा बढ़ा
राजस्थान ट्रक आपरेटर यूनियन ने मौजूदा ट्रक भाडे में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। राजस्थान ट्रक आपरेटर यूनियन के अध्यक्ष वेद भूषण सेठी ने बताया कि यूनियन ने अपने से सम्बध्द ट्रक ट्रांसपोर्ट कम्पनियों को मौजूदा भाडे में पंद्रह से बीस प्रतिशत वृध्दि तुरन्त प्रभाव से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पहले गुर्जर आन्दोलन और अब इस वृध्दि ने ट्रांसपोर्ट कारोबार की कमर तोड़ दी है।
उप्र में तीव्र प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश में पेट्रोलियम उत्पादक एवं रसोई गैस के मूल्य में वृध्दि की घोषणा के बाद सबसे अधिक प्रतिक्रिया रसोई गैस के दाम में 50 रुपये की वृध्दि किए जाने पर हुई है। इससे मध्यम वर्ग पर जबरदस्त आर्थिक मार पड़ी है। राज्य में कानपुर, लखनऊ, मुजफ्फर नगर और गोरखपुर सहित विभिन्न शहरों में भाजपा और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध की खबर मिली है। इस दौरान लोगों ने यूपीए सरकार के पुतले जलाए।
महाराष्ट्र में मुखर विरोध
महाराष्ट्र में माकपा और सीटू कार्यकर्ताओं ने मूल्य वृद्धि के विरोध में जमकर हंगामा काटा। इस दौरान पुलिस ने 24 लोगों को हिरासत में ले लिया। माकपा और सीटू कार्यकर्ताओं को शहर के मेन रोड से गिरफ्तार किया गया। पुलिस का कहना है कि ये कार्यकर्ता बंद के लिए दुकानदारों पर दबाव बना रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने सतपुर में महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन की बस पर पथराव भी किया। नासिक में बंद सामान्य रहा।
बंद का ब्यौरा
बंगाल: रेल यातायात प्रभावित
राजस्थान: मालभाड़ा बढ़ा
महाराष्ट्र: विपक्ष का तगड़ा प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश: एनडीए का पुतला फूंका
मप्र: बढ़ोतरी वापस लेने की मांग
बिहार: बढ़ेगी महंगाई
दिल्ली: सस्ती हुई रर्सोई गैस