मध्य प्रदेश सरकार ने आखिरकार रसोई गैस और डीजल की कीमतों में कटौती करने की घोषणा की है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने रसोई गैस के प्रवेश शुल्क में 10 रुपये प्रति सिलेंडर और डीजल के प्रवेश शुल्क में 61 पैसे प्रति लीटर की कटौती करने का फैसला किया है।
सरकार के इस फैसले से राजकोष पर 140 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ग्वालियर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की घोषणा की है। केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी करने के तुरंत बाद विभिन्न राज्य सरकारों ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस पर लगाने वाले शुल्कों में कटौती करने की घोषणा की थी। इससे मध्य प्रदेश पर भी कटौती के लिए दबाव बना था।
हालांकि राज्य सरकार कहती आई थी कि कीमतों में वृद्धि के लिए केन्द्र जिम्मेदार है और उसे ही कमी के लिए आगे आना चाहिए। शिवराज सिंह चौहान ने कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में अपने घर से विधानसभा तक का सफल साइकिल से तय किया।
इस कटौती के बावजूद मध्य प्रदेश में रसोई गैस अभी भी महंगी है। बढ़ोतरी से पहले मध्य प्रदेश में रसोई गैस की कीमत 330 रुपये प्रति सिलेंडर थी जबकि देश के दूसरे हिस्सों में इस दौरान रसोई गैस 300 रुपये में मिल रही थी। बढ़ोतरी के बाद राज्य में रसोई गैस की कीमत बढ़कर 385 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई और आज की घोषणा के बाद रसोई गैस 375 रुपये में मिलेगी।
इससे पहले मीडिया के एक हिस्से ने राज्य के वित्त मंत्री राघव जी के हवाले से खबर दी थी कि मध्य प्रदेश ने पेट्रोलियम उत्पादों पर लगाए जाने वाले टैक्स को घटाने से मना कर दिया है। खबरों में कहा गया था कि राज्य सरकार का मानना है कि बढ़ोतरी के लिए केन्द्र जिम्मेदार है और उसे ही कीमतों में कटौती की पहल करनी चाहिए। वाणिज्य कर विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कटौती से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है।