Bihar: प्रशांत किशोर ने लॉन्च की ‘जन सुराज पार्टी’, मनोज भारती बने कार्यकारी अध्यक्ष

किशोर ने चंपारण से राज्य की तीन हजार किलोमीटर से अधिक लंबी ‘पदयात्रा’ शुरू करने के ठीक दो साल बाद इस पार्टी का गठन किया।

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भाषा   
Last Updated- October 02, 2024 | 6:21 PM IST

Jan Suraj Party: चुनाव रणनीतिकार से नेता बने बने प्रशांत किशोर ने बुधवार को ‘जन सुराज पार्टी’ के नाम से अपना राजनीतिक दल गठित करने की घोषणा की। यह एक बहुप्रतीक्षित कदम है जिसके जरिए वह बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव लाने की उम्मीद कर रहे हैं।

किशोर ने मधुबनी में जन्मे भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी मनोज भारती को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया और कहा कि भारती मार्च तक इस पद पर रहेंगे। मार्च में पार्टी के संगठनात्मक चुनाव होंगे। पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान किशोर ने यह घोषणा की।

इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव, राजनयिक से नेता बने पवन वर्मा और पूर्व सांसद मोनाजिर हसन सहित कई जानी मानी हस्तियां मौजूद थीं। किशोर ने चंपारण से राज्य की तीन हजार किलोमीटर से अधिक लंबी ‘पदयात्रा’ शुरू करने के ठीक दो साल बाद इस पार्टी का गठन किया, जिसका उद्देश्य लोगों को प्रदेश में एक ‘नया राजनीतिक विकल्प’ देकर उन्हें संगठित करना है।

चंपारण से ही महात्मा गांधी ने देश में पहला ‘‘सत्याग्रह’’ शुरू किया था। इस अवसर पर आई-पैक के संस्थापक किशोर ने कहा, ‘‘जन सुराज अभियान का उद्देश्य बिहार के लोगों को यह समझाना है कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार के अवसर नहीं मिल पाए हैं क्योंकि उन्होंने कभी इन मुद्दों पर वोट नहीं दिया। हमारा शायद कुछ लोग मजाक उड़ाएं और कहें कि हम पलायन रोकने जैसे वादे कैसे पूरे करेंगे। लेकिन हमारे पास एक खाका है।’’

किशोर ने कुछ साल पहले राजनीतिक परामर्श देने का काम छोड़ दिया। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए हमें चार लाख करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत होगी। हम शराबबंदी कानून को खत्म करके पैसे जुटाएंगे। शराबबंदी के कारण हर साल 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। मैं फिर से कहता हूं कि जन सुराज के सत्ता में आते ही एक घंटे के अंदर शराबबंदी खत्म कर दी जाएगी।’’

किशोर, अपने पूर्व मार्गदर्शक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस कदम के कटु आलोचक कहे जाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें विशेष दर्जे के खोखले नारे नहीं चाहिए। लेकिन हम बैंकों को बाध्य करेंगे कि वे राज्य की जनता द्वारा जमा की गई बचत के अनुपात में राज्य को पूंजी उपलब्ध कराएं। वर्तमान में ऐसा लग रहा है कि बिहारियों द्वारा बचाए गए पैसे का इस्तेमाल कहीं और हो रहा है।’’

First Published : October 2, 2024 | 6:02 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)