सदर को बदर करने की तैयारी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 2:01 AM IST

सरकारी फरमान से दिल्ली के डेढ़ लाख व्यापारियों पर गाज गिरने वाली है। ये सभी व्यापारी सदर बाजार के हैं।


सरकार ने इन्हें सदर बाजार छोड़ने के संबंध में हलफनामा देने को कहा है। इस फैसले के विरोध में व्यापारियों ने लामबंद होना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि इस फैसले से कारोबारियों को नुकसान होने के साथ-साथ सरकार को भी राजस्व का नुकसान होगा।

नोटिस देने वाले दिल्ली नगर निगम का कहना है कि सदर बाजार को खाली कराने का फैसला दिल्ली के मास्टर प्लान में है। और उसका पालन किया जा रहा है। व्यापारियों ने इस संबंध में नगर निगम स्थायी समिति के अध्यक्ष से भी मुलाकात की है। जिन चीजों के कारोबार को स्थानांतरित करने की पहल की गयी है उनमें केमिकल, कागज, किराना, जूते, हार्डवेयर, बिजली उपरकरण, पीवीसी, फल एवं सब्जी, पोल्ट्री व डेयरी शामिल हैं।

व्यापारियों के अनुमान के मुताबिक सदर बाजार इलाके से रोजाना 100 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। 12 फीसदी की दर से सरकार को इससे रोजाना 12 करोड़ की कमाई होती है। योजना के मुताबिक सरकार इन व्यापारियों के लिए बवाना, गाजीपुर, द्वारका, नरेला व अन्य जगहों पर इंटीग्रेटेड ट्रेड कांप्लेक्स का निर्माण कर रही है।

पिछले चालीस सालों से सदर बाजार में किराने का काम कर रहे कारोबारी दुलीचंद कहते हैं, ‘सदर के थोक बाजार में देश के विभिन्न हिस्सों के कारोबारी आते हैं। बाहर से आने वाले कारोबारियों को सदर बाजार में ही कई चीजें मिल जाती हैं। इसलिए खरीदारी के लिए सदर बाजार उनकी पहली पसंद होती है। लेकिन जब यहां के कारोबारियों को दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा तो कोई भी व्यापारी खरीदारी करने दिल्ली क्यों आएगा।’

व्यापारियों का कहना है कि सदर बाजार रेलवे स्टेशन व बस अड्डे के पास है। साथ ही यहां पर वे तमाम सुविधाएं हैं जो कारोबार के लिए चाहिए। इस प्रकार की सुविधाएं विचाराधीन ट्रेड कांप्लेक्स के आसपास नहीं होगी। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेड एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि सदर बाजार का राष्ट्रीय चरित्र है। सरकारी योजना के मुताबिक कारोबारियों का कार्यालय तो सदर बाजार में होगा। लेकिन गोदाम व सामानों की आपूर्ति ट्रेड कांप्लेक्स से होगी।

उनका कहना है कि जिस बाजार को बसने में 100 साल लग गए उसके स्थानांतरित होने से कारोबार में बहुत जबरदस्त गिरावट आएगी। महज दुकान के गोदाम स्थानांतरित करने से एक सप्ताह का कारोबार प्रभावित होता है। ऐसे में यहां से 1.5 लाख कारोबारियों को हटाने से कारोबार में 50 फीसदी तक की गिरावट हो सकती है।

सरकार के राजस्व में भी कमी आ जाएगी। हालांकि सरकार ने अभी इस बात का खुलासा नहीं किया है कि कारोबारियों को कब तक यहां से स्थानांतरित किया जाएगा। निगम के मुताबिक अभी कारोबारियों से उनके गोदाम, कार्यालय व दुकान की जानकारी मांगी गयी है। इन जानकारियों को मिलने के बाद ही कुछ भी तय किया जाएगा।

First Published : May 27, 2008 | 10:48 PM IST