गुजरात में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में करीब 10,000 से 12,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुजरात में आयोजित किए जाने वाले वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2009 में करीब 20 कंपनियों की ओर से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश प्रस्ताव आने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में निवेश के जरिए 1,000 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा।
इस सम्मेलन में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एस्सार समूह, एडीएजी समूह, टाटा पावर, इंडियाबुल्स, सूर्यचक्र और यूरो समूह आदि कंपनियां शामिल होंगी। इन सभी कंपनियों ने राज्य सरकार को फोटोवोल्टिक, थर्मल और हाइब्रिड परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव भेज दिया है।
इस बीच राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा चार्ट की रूपरेखा तैयार करने के लिए अमेरिका के विशेषज्ञ जॉन ब्राइन, जोकि नोबल विजेता भी हैं, को बुलाने की मांग की है।
इससे पिछले हफ्ते राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया था कि सरकार वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों, खासकर सौर ऊर्जा को विकसित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी।
इस बाबत राज्य सरकार ने विभिन्न कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए अलग शुल्क के साथ जल्द ही एक अलग नीति ‘गुजरात सौर नीति’ पेश करने वाली है।
गुजरात ऐसा पहला राज्य है जहां रिलायंस और यूरो समूह द्वारा देश के पहले विद्युत परियोजना के प्रस्ताव को केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है।
टाटा पावर ने गुजरात के कच्छ जिले में परीक्षण शुरू कर दिया है और उसका इरादा राज्य में 200 मेगावाट क्षमता की परियोजना स्थापित करना है।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बहुत सारी कंपनियों ने राज्य में 1,000 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए अपनी रुचि दिखाई है।
अधिकारी ने बताया, ‘यहां तक कि अगर हम लोग अगले दो-तीन सालों में 700 मेगावाट बिजली उत्पादन में भी सक्षम रहें तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी।’
उल्लेखनीय है कि पिछले साल, अमेरिका के क्लिंटन फाउंडेशन ने भी राज्य में कुल 5,000 मेगावाट क्षमता के एकीकृत सौर शहर की स्थापना के लिए दिलचस्पी दिखाई थी जोकि दुनिया की सबसे बड़ी सौर संयंत्र परियोजना कहलाती। यह परियोजना अकेले ही 25,000-30,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए सक्षम है।