छत्तीसगढ़ सरकार देश को रोशन करने की तैयारी में जुटी है। यह उम्मीद जताई जा रही है कि अगर छत्तीसगढ़ अपने बिजली उत्पादन की क्षमता को 42,000 मेगावाट तक बढ़ा लेता है और 2012 से अन्य राज्यों को बिजली बेचना शुरू करता है, तो उसकी सालाना 10,000 करोड़ रुपये की आमदनी हो सकेगी।
राज्य में बिजली की स्थिति के बारे में छत्तीसगढ़ विधानसभा में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा, ‘पिछले साढ़े चार वर्षों में राज्य ने ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाई है और अगर सब कुछ योजनाबध्द तरीके से चलता रहा तो साल 2012 तक यह राज्य देश के लिए पावर हब के रूप में उभर सकता है।’
राज्य में बिजली संयंत्र की स्थापना के लिए निजी कंपनियों के साथ गठजोड़ करने के बाद 42,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि साल 2011 तक वाणिज्यिक उत्पादन को शुरू करने के लिए विभिन्न कंपनियों द्वारा काम शुरू कर दिया जाएगा। सिंह ने बताया, ‘इस दिशा में पहल करने से छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों को भी बिजली बेच सकेगा और इससे प्रति वर्ष 10,000 करोड़ की आमदनी भी कर सकेगा।’ मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि राज्य के पास 35,000 मेगावाट से 40,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की पूरी क्षमता है।
उन्होंने कहा कि राज्य के पास कोयले का भंडार इतना है कि अगले 100 साल तक कच्चे माल की आपूर्ति की जा सकेगी। राज्य के पास बेहतरीन ट्रांसमिशन और डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क है। सिंह ने बताया कि राज्य में बीते छह महीनों से बिजली कटौती न के बराबर हुई है और अतिरिक्त बिजली भी बढ़ती जा रही है। राज्य बिजली बोर्ड करीब 96 फीसदी गांवों तक बिजली पहले ही पहुंचा चुका है।