महाराष्ट्र के विभिन्न मुद्दों को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण भी ठाकरे के साथ मौजूद थे। उद्धव-मोदी की अलग से मुलाकात पर सियासी अटकलों का बाजार भी गरमा गया।
ठाकरे ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारी सभी बातों को गंभीरतापूर्वक सुना। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण, जीएसटी समेत कई संवेदनशील मुद्दों पर वार्ता हुई। ठाकरे ने बताया कि प्रधानमंत्री ने हमारे सभी मुद्दों को ध्यान से सुना है और गंभीरता से विचार करने की बात कही है। ठाकरे ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ मराठा आरक्षण, राजनीतिक आरक्षण, मेट्रो शेड, जीएसटी कलेक्शन, फसल बीमा और चक्रवात से हुए नुकसान समेत 12 जरूरी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। ठाकरे ने कहा कि मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का मामला भी केंद्र के समक्ष लंबित है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने इस मामले पर गौर करने का आश्वासन दिया है।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजित पवार के मुताबिक प्रधानमंत्री के साथ बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली जिसमें जीएसटी पर विस्तार से चर्चा की गई। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र को जीएसटी मुआवजे के रुप में लगभग 46,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उसे केवल 22,000 करोड़ रुपये ही मिले हैं, महाराष्ट्र को अभी भी 24,306 करोड़ रुपये मिलने हैं। उन्होंने कहा कि राज्य कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहा है और इससे उसके राजस्व पर असर पड़ेगा और मुआवजे की राशि जल्द से जल्द दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने मोदी से महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को राज्य विधान परिषद में 12 सदस्यों के नामांकन को मंजूरी देने का निर्देश देने के लिए भी कहा।
कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठों के लिए आरक्षण समाप्त करने के बाद अब इस पर निर्णय लेने का अधिकार केंद्र के पास है। उन्होंने कहा कि केंद्र को इस संबंध में कदम उठाने चाहिए। मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार की मांग पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मराठा आरक्षण पर भोसले समिति की रिपोर्ट में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन की सिफारिश की गई है, लेकिन रिपोर्ट पर कार्रवाई करने से पहले उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। अपनी कार्रवाई से पहले प्रधानमंत्री से सीधे मिलना समय से पहले है। हमें पहले अपना काम करना होगा इसके बाद केंद्र से बात करनी होगी।
प्रधानमंत्री से मुलाकात पर मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से दी गई जानकारी में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने किसानों के मुद्दे को भी प्रधानमंत्री के सामने रखा है। जैसे फसल के लिए कर्ज मिलता है वैसे ही फसल के लिए बीमा मिल जाएं। इसके लिए हमने बीड मॉडल का जिक्र किया है। प्रधानमंत्री ने विश्वास दिलाया है कि इस संबंध में अधिकारियों से बात करेंगे। मुख्यमंत्री ने एनडीआरएफ के प्रावधानों में बदलाव की मांग भी की। ठाकरे ने कहा कि मुंबई, कोंकण के समुद्र किनारों पर तूफान टकराता है। अभी 10-15 दिन पहले भी ऐसे ही तूफान मुंबई समेत राज्य के समुद्र तटीय क्षेत्रों को छूकर गया। भले ही तूफान ने सिर्फ स्पर्श किया हो लेकिन उसकी वजह से नुकसान बहुत हो जाता है। इसको लेकर भी हमने प्रधानमंत्री के सामने बात रखी है। ऐसे समय के लिए केंद्र को अब मदद के नियम बदलने चाहिए। एनडीआरएफ के प्रावधानों को ठीक करने की जरूरत है, जो एनडीआरएफ की तरफ से पैसा आता है वह राज्यों को कम मिल पाता है। एनडीआरएफ के प्रावधान पुराने हैं इन्हें बदलने की मांग की।
प्रधानमंत्री से अलग से मुलाकात करने के सवाल पर कई तरह के राजनीतिक सवाल उठने लगे। मोदी से अलग से मुलाकात पर उद्धव ठाकरे ने सफाई देते हुए कहा, ‘हम भले ही राजनीतिक रूप से साथ नहीं हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हमारा रिश्ता टूट चुका है। मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था। तो अगर मैं प्रधानमंत्री से अलग से मिलता हूं तो इसमें कुछ गलत नहीं होना चाहिए।’