उत्तराखंड राज्य ढांचागत और औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडकुल) द्वारा काशीपुर और जसपुर कताई मिलों का पट्टा अगले पांच साल तक बढ़ाने के लिए पेश किए गए प्रस्ताव को स्थागित कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है पट्टा समझौते को 10 से 15 सालों तक बढ़ाने के लिए सिडकुल ने अपने निदेशक मंडल के समक्ष प्रस्ताव रखा था। निदेशक मंडल की अध्यक्षता मुख्य सचिव एस के दास कर रहे थे। मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिडकुल बोर्ड ने पट्टे को बढ़ाने संबंधी मुद्दे पर फैसला लेने का जिम्मा उद्योग विभाग पर सौंप दिया है।
बोर्ड ने उद्योग विभाग से कहा कि अंतिम फैसला करने से पहले वह आल्प्स उद्योग के साथ हुए पूर्व समझौतों का भी अध्ययन कर लें। मालूम हो कि सिडकुल ने राज्य की दो बीमार मिलों को 10 साल के लिए आल्प्स उद्योग को पट्टे पर दिया था। आल्पस उद्योग ने हाल ही में हरिद्वार में दो कपड़ा मिलों की स्थापना किया है।
आल्प्स उद्योग ने सिडकुल के समक्ष यह मंशा जाहिर की थी कि पट्टे को अगले पांच साल के लिए और बढ़ा दिया जाए ताकि वर्षों से बीमार पड़े मिलों में आधुनिक मशीनों का लगाया जा सके। काशीपुर कताई मिल की क्षमता जहां 50,000 तकली की है वहीं जसपुर कताई मिल की क्षमता 25000 तकली है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड सरकार ने जसपुर और काशीपुर मिलों को उत्तर प्रदेश राज्य वस्त्र निगम से हासिल किया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने बीमार पड़े मिल संबंधी मामले को बीआईएफआर के पास भेज दिया था। उत्तराखंड सरकार के आग्रह पर बीआईएफआर ने दोनों मिलों को पहाड़ी राज्य को सौंप दिया।
मुश्किल में मिल
सिडकुल के निदेशक मंडल ने काशीपुर और जसपुर कताई मिलों का पट्टा बढ़ाने के प्रस्ताव पर लगाई रोक। मामला उद्योग विभाग के पास भेजा गया