देश के सबसे अत्याधुनिक हाइवे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग पर वाहनों की आवाजाही महाराष्ट्र दिवस (1 मई) से शुरू हो जाएगी। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) के मुताबिक नागपुर-मुंबई की दूरी कम करने वाले 701 किमी लंबे समृद्धि महामार्ग पर 1 मई, 2021 से वाहनों का दौड़ना आरंभ हो जाएगा। नागपुर से शिर्डी तक का काम 1 मई, 2021 तक और उसके बाद मुंबई तक का काम अगले एक साल में पूरा किया जाएगा।
55 हजार 332 करोड़ रुपये के लागत से बनने वाले इस महामार्ग के काम का जायज लेने के मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने कहा कि विदर्भ के समग्र विकास का विकास इंजन बननेवाला महत्वाकांक्षी हिंदूहृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग देश का सर्वोत्तम महामार्ग साबित होगा। विदर्भ के नागपुर, वर्धा, अमरावती, वाशिम और बुलडाणा जिले के लिए सही अर्थों में समृद्धि लाने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना के पहले चरण में नागपुर से शिर्डी तक के महामार्ग का काम आगामी 1 मई तक पूरा हो जाएगा और प्रत्यक्ष यातायात के लिए खुला हो जाएगा और उसके बाद मुंबई तक का काम अगले एक साल में पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महामार्ग पूरा करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। लाकडाउन के दौरान भी इस महामार्ग का काम शुरू था इसलिए इसके काम में कोई देरी नहीं हुई। यह महामार्ग देश का सर्वोत्तम महामार्ग साबित होगा। यह महामार्ग राज्य के समग्र विकास के लिए एक आदर्श साबित होगा क्योंकि यह कृषि और सहायक उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ-साथ सर्वोत्तम परिवहन सुविधाएं भी प्रदान करेगा।
नागपुर-मुंबई एक्सप्रेस वे विदर्भ के चार जिलों से होकर गुजरेगा और इस महामार्ग के लिए 8,364 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। इस महामार्ग का निर्माण सोलह चरणों में पूरा किया जा रहा है और लगभग 60 प्रतिशत से अधिक सड़क का काम पूरा हो चुका है। महामार्ग के निर्माणकार्य के साथ ही जल संरक्षण कार्यों को भी प्राथमिकता दी गई है। अमरावती जिले में 38 नालों को 91,210 मीटर लंबाई तक गहरा कर दिया गया है। परिणामस्वरूप महामार्ग के साथ-साथ जल समृद्धि भी हुई है। पहले चरण के तहत 1 मई, 2021 से 520 किमी लंबे हाइवे को खोला जाएगा। 520 किमी का यह मार्ग नागपुर से शिर्डी तक का होगा। दूसरे चरण में 623 किमी हाइवे को खुला जाएगा। 1 दिसंबर 2021 से नागपुर से इगतपुरी तक हाइवे खुल जाएगा। एमएसआरडीसी के व्यवस्थापकीय संचालक राधेश्याम मोपलवार के अनुसार, हाइवे निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है।
राधेश्याम ने कहा कि यह हाइवे सिर्फ मुंबई-नागपुर की दूरी कम नहीं करेगा, बल्कि राज्य के कई जिलों और गांवों को भी जोड़ने का काम करेगा। समृद्धि महामार्ग राज्य के 9 जिले, 392 गांवों से हो कर गुजरेगा। इस मार्ग के माध्यम से मुंबई से नागपुर का सफर केवल 8 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। रेल मार्ग से यह सफर पूरा करने में 12 से 15 घंटे का समय लगता है। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल के अनुसार नागपुर से मुंबई एक्सप्रेस वे अमरावती जिले में 73.33 किलोमीटर लंबा होगा। यह तीन तहसीलों यानी धामनगाव रेलवे, चांदूर रेलवे और नंदगांव खंडेश्वर तहसीलों के 46 गांवों से होकर गुजरेगा। काम का तीसरा चरण 2 हजार 850 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा। इस महामार्ग पर दो इंटरचेंज प्रस्तावित हैं।
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल और एलएंडटी कंपनी की ओर से समृद्धी महामार्ग पैकेज 10 के बारे में सविस्तर प्रस्तुतिकरण मुख्यमंत्री के सामने की। इसमें समृद्धी महामार्ग का पैकेज 10 प्रकल्प, प्रकल्प का 57.90 कि.मी रनवे, सर्विस रोड, छोटे पूल, बड़े पूल, आगामी नियोजन, पैकेज अंतर्गत इस क्षेत्र के हिरणों को जाने के लिए रास्ता, श्रमशक्ति निर्मिति पर जोर देना आदि के संदर्भ में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। समृद्धी महामार्ग परियोजना का जायजा लेने और अधिकारियों की प्रस्तुतिकरण के बाद मुख्यमंत्री ने परियोजना समय पर पूरा करने को कहा।
इस महामार्ग के करीब रहने वालों को लाभ पहुंचाने के लिए एमएसआरडीसी ने 19 औद्योगिक केंद्र बनाने का फैसला लिया है। 19 में से 8 केंद्र की योजना तैयार कर ली गई है। 8 में से 6 केंद्रों के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। अगले साल जून तक जमीन अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया जाएगा। इन केंद्रों में विभिन्न उद्योग शुरू किए जाएंगे, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल सकें।