मुलायम सिंह यादव, राम विलास पासवान और लालू प्रसाद की तिकड़ी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रति वफादारी तो जताई पर यह साफ किया कि संप्रग का मतलब सिर्फ कांग्रेस नहीं है।
शुक्रवार को रामनवमी के मौके पर समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और लोकजनशक्ति पार्टी के इन दिग्गज नेताओं ने तीनों दलों के गठबंधन की औपचारिक घोषणा की। एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा, ‘हम सभी संप्रग के हिस्से हैं और इसमें शामिल सभी पार्टियां एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर काम कर रही हैं और इसका मतलब सिर्फ कांग्रेस से ही नहीं है।’
हालांकि इन तीनों दलों ने यह साफ किया कि वे अब भी इस संप्रग के अटूट हिस्से हैं और संप्रग की तरफ से मनमोहन सिंह ही प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं। राजनीति में तीन दलों के इन महारथियों ने कहा कि उनका गठबंधन कांग्रेस और संप्रग के विरुध्द नहीं है बल्कि मौका परस्त और अवसरवादी ताकतों के विरुध्द है।
सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह ने कहा, ‘हमारा गठबंधन केवल आगामी लोकसभा चुनाव तक ही सीमित नहीं है बल्कि, उत्तर प्रदेश और बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों में भी तीनों पार्टियां मिलकर ही लड़ेंगी।’ तीनों नेताओं ने स्पष्ट किया कि तीसरे मोर्चे के साथ उनके गठबंधन का कोई लेना देना नहीं है हालांकि उसमें ऐसे दल भी शामिल हैं जो कभी हमारे साथी थे।
मुलायम ने तीनों दलों के बीच गठबंधन को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि तीनों दल पहले के सारे मतभेदों को भूलकर देशहित और दलित गरीब मजदूर तथा पिछड़ों, बेरोजगारों के हित में एक साथ काम करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि तीनों पार्टियां ‘मौकापरस्त और अवसरवादी ताकतों को सत्ता से दूर रखने के लिए एकजुट हुई हैं और हमारा गठबंधन आने वाले विधानसभा चुनाव में भी बना रहेगा।’