रेल कोच फैक्ट्री निर्माण पर माया सरकार की रोक के बाद रायबरेली के स्थानीय लोग परियोजना के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं।
स्थानीय किसान परियोजना को अपने हित में बता कर मांग कर रहे हैं कि रेल कोच फैक्ट्री पर तुरंत काम शुरू किया जाए। साथ ही स्थानीय लोगों ने मांग की है कि हिंदुस्तान पेपर मिल, फार्मा रिसर्च सेंटर और सीआरपीएफ भर्ती केंद्र भी जल्द ही खोले जाएं।
इन सभी परियोजनाओं को प्रदेश सरकार ने अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया है, जिसके चलते काम शुरू नहीं हो सका है। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर करीब 15000 स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना था।
आज संप्रग मुखिया सोनिया गांधी भी अपने चुनाव क्षेत्र रायबरेली पहुंची। प्रदेश सरकार पर केंद्र के मंजूर विकास कार्यों में अड़ंगा लगाने का आरोप जड़ते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि रेल कोच फैक्ट्री के लिए वह जेल भी जाने को तैयार हैं। लालगंज मे रेल कोच फैक्ट्री के प्रस्तावित निर्माण स्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों को दिलासा देते हुए सोनिया ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस इस मामले में संघर्ष करेगी।
संप्रग अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र की सरकार से मंजूर आठ ऐसी परियोजनाएं हैं जिन पर प्रदेश सरकार के असहयोग के चलते काम नही हो पा रहा है। गौरतलब है कि मायावती सरकार रविवार को एक आदेश जारी कर रायबरेली में रेल कोच फैक्ट्री के लिए किए गए जमीन के अधिग्रहण को रद्द कर दिया था।
माया सरकार ने इसके पीछे स्थानीय ग्रामीणों का इस परियोजना के विरोध का तर्क दिया था। सरकार के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई, जिसके बाद कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने आदेश देकर अगली सुनवाई के लिए 22 तारीख तय की।
प्रदेश सरकार के इस फैसले का रायबरेली के किसान भी जमकर विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का तर्क है कि उन्होंने अपनी मर्जी से बंजर जमीन इस परियोजना के लिए दी थी पर सरकार उन्हें अनसुनी कर अधिग्रहण के आदेश को रद्द कर रही है।