पश्चिम बंगाल राज्य भूमि सुधार और किरायेदारी ट्रिब्यूनल (एलआरटीटी) आने वाले छह महीनों में अपनी चौथी पीठ को खोलने और साथ ही लंबे समय से लंबित मामलों को निपटाने के लिए भर्तियां करने पर विचार-विमर्श कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में एलआरटीटी की तीन पीठ है जिसमें दो प्रभावी तरीके से संचालन कर रही हैं और जबकि तीसरी पीठ में न्यायीक सदस्य की कमी है। प्रत्येक पीठ में एक प्रशासनिक और एक न्यायिक सदस्य होता है।
भूमि सुधार आयुक्त और भूमि एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव एस सी तिवारी ने बताया कि भूमि सुधार विभाग आने वाले तीन महीनों में खाली जगहों को भरने के लिए भर्तियां करने पर विचार कर रही है। एक आंकड़े के मुताबिक एलआरटीटी हर महीने करीब 100-150 केसों का और साल भर में 1500 से अधिक केसों का निपटान करती है।
तिवारी ने बताया कि अगर तीनों पीठों का संचालन एक साथ होता है तो हर साल केसों के निपटान की संख्या 2000 के आंकड़े को भी पार कर जाएगी। एलआरटीटी के समक्ष एक अन्य मुद्दे के रूप में ग्रेड सी और डी कर्मचारियों की कमी भी है। यहां अनौपचारिक कर्मचारियों की संख्या पांच के आसपास है, जिन्हें एक साल की अवधि के लिए भर्ती किया गया है।
भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उन अनौपचाकि कर्मचारियों को स्थायी बनाने के लिए कोशिश की जा रही हैं। हालांकि इस बारे में तिवारी कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं। विभाग ने अपनी नई बिल्डिंग को साल्ट लेक में स्थानांतरित कर लिया है।
यह विभाग पहले जहां स्थित था वहां कार्यालय क्षेत्र को लेकर काफी समस्या थी। विभाग को नई बिल्डिंग के लिए 2 करोड़ रुपये मे अदा करने पड़े हैं। राज्य भूमि एवं भूमि सुधार मंत्री अब्दुर रज्जाक मुल्ला ने बताया कि क्योंकि पूरे पश्चिम बंगाल में यह एक मात्र ऐसा ट्रिब्यूनल है इसलिए उत्तर बंगाल में लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।