कोरोना संकट ने उत्तर प्रदेश के साल दर साल बढ़ते आबकारी राजस्व में जबरदस्त सेंध लग दी है। शराब बिक्री में इस साल आबकारी राजस्व में कम से कम 25 से 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा सकती है। योगी सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 35,000 करोड़ रुपये के आबकारी राजस्व का लक्ष्य रखा है। लॉकडाउन के चलते मई से शुरू हुए आबकारी सत्र के पहले ही पखवाड़े में 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है।
आबकारी अधिकारियों का कहना है कि 12 महीने के बजाय अब राजस्व लक्ष्य 11 महीने से भी कम समय में पाना होगा जो असंभव है। प्रदेश में 22 मार्च से लेकर 3 मई तक शराब की दुकानें बंद रहीं और आबकारी सत्र पहली बार अप्रैल की जगह मई में शुरू हुआ। मई में शराब की बिक्री की अनुमति मिलने के बाद दुकानों तक माल पहुंचने में भी एक सप्ताह लग गया। आबकारी विभाग का कहना है कि पूरे एक महीने तक दुकाने खुलने का समय भी कम रहा और रात 10 बजे के बजाय 7 बजे ही बंद करने का आदेश था। इसके चलते भी राजस्व पर असर पड़ा। उनका कहना है कि कोरोना संकट और कुछ महीनों तक जारी रहा तो राजस्व के मामले में खासी चपत लग जाएगी।
उत्तर प्रदेश में लाकडाउन के 45 दिनों के बाद खुली शराब की दुकानों पर शुरुआती तेजी के बाद बिक्री में भारी गिरावट देखी जा रही है। बड़ी तादाद में मजदूरों व रोज कमाई वालों की बेकारी का असर देसी शराब की दुकानों पर देखा जा रहा है। प्रदेश के बड़े शहरों में देशी शराब की बिक्री में 45 फीसदी तक कमी दर्ज की जा रही है तो ग्रामीण इलाकों और कस्बों में 35 से 40 फीसदी की कमी देखी जा रही है। देशी शराब ही नही, बीयर की बिक्री पर भी बुरा असर दिख रहा है। बड़े शहरों में बीयर की बिक्री में मई और जून में भारी गिरावट देखी गयी है। बीयर की बिक्री शहरों में 45 से 50 फीसदी घटी है तो गावों में यह 50 फीसदी के पार निकल गई है। हालात यह है कि अब देसी शराब व बीयर के कई कारोबारी अपना लाइसेंस सरेंडर करने की बात करने लगे हैं।
अंग्रेजी शराब की बिक्री पर उतना असर तो नहीं पड़ा है, लेकिन बार, मॉडल शॉप बंद होने और देर शाम दुकानें न खुलने के कारण बड़े शहरों में इसकी बिक्री 25 से 30 फीसदी तक घट गई है। ग्रामीण इलाकों व कस्बों में तो अंग्रेजी शराब की बिक्री 35 फीसदी तक कम हो गई है। शराब कारोबारियों का कहना है कि कोरोना काल में लोगों की आमदनी घटी है, ऊपर से दाम भी बढ़ गए हैं। हालांकि उन्हें उम्मीद है कि त्योहारी सीजन शुरू होते ही और पाबंदियां घटने के साथ बिक्री फिर सुधर सकती है।