महाराष्ट्र में खुलेंगे सैलून

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 7:57 AM IST

कोविड-19 के भय से लॉकडाउन में फंसी अर्थव्यवस्था को धीरे धीरे अनलॉक किया जा रहा है। कोरोना का सबसे ज्यादा कहर झेलने वाले महाराष्ट्र में स्थिति नियंत्रण में आने लगी है। सरकार इसी के साथ  मिशन स्टार्ट अगेन के तहत बंद पड़े कारोबार को हरी झंडी दिखाने लगी है। राज्य में कुछ नियमों और शर्तों के साथ सैलून की दुकानें शुरू करने की अनुमति दे दी गई। महाराष्ट्र में 28 जून से सैलून खुलेंगे। जुलाई से जिम भी खोलने की तैयारी है।
मुंबई महानगरीय क्षेत्र, पुणे, सोलापुर, औरंगाबाद, मालेगांव, नासिक, धुले, जलगांव, अकोला, अमरावती और नागपुर महानगर पालिका क्षेत्र में सैलून 28 जून, 2020 से शुरू किए जाने की अनुमति दे दी। हालांकि सरकार ने कुछ शर्तों के साथ दुकाने खोलने की इजाजत दी है। इन दुकानों तक पहुंच सीमित होगी और ग्राहक को पहले से समय लेना होगा। हेयरकट, हेयर डाई, वैक्सिंग, थ्रेडिंग कुछ ऐसी सेवाएं हैं जो ग्राहकों को प्रदान की जा सकती हैं। वर्तमान में त्वचा से संबंधित अन्य क्रियाओं के लिए अनुमति नहीं होगी।  दुकानदारों को अपनी सेवाओं की पूरी लिस्ट प्रमुखता के साथ दुकान के बाहर लगानी होगी।
सैलून और ब्यूटी पार्लर खोलने को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने शासनादेश जारी किया है। गाइडलाइंस के मुताबिक सैलून में सिर्फ बाल कटाने की इजाज़त दी गई है। सैलून में शेविंग कराने की इजाजत नहीं होगी। सरकार के आदेश के मुताबिक बाल काटने और कटाने वालों को मास्क पहनना जरूरी होगा।
सैलून या पार्लर अपनी क्षमता के 50 फीसदी से कम ग्राहकों को ही एक समय में सेवाएं दे सकते हैं। प्रत्येक ग्राहक के बाद कुर्सी को सैनेटाइज किया जाना अनिवार्य होगा। तौलिये और नैपकिन सब डिस्पोजेबल होंगे। सैल‌ून कर्मचारियों को मास्क, गल्व्स, एप्रेन और सुरक्षात्‍मक उपायों का प्रयोग करना जरूरी है। कॉमन एरिया और फ्लोर हर दो घंटे में सैनेटाइज करना होगा।
सैलून के बाद जुलाई से जिम खोलने को लेकर भी महाराष्ट्र सरकार दिशानिर्देश तैयार कर रही है। शुरुआत में सिर्फ सोसायटी के जिम खोले जाएंगे। जिम के हर एक उपकरण को इस्तेमाल के बाद सैनेटाइज किया जाएगा। महाराष्ट्र में 4,000-5,000  ऐसे जिम है  जो हाउसिंग सोसायटीज में हैं। ऐसे जिम खोलकर सरकार मुआयना करेगी और सभी जिमों को खोलने का दिशानिर्दश तैयार किया जाएगा। सरकार ने अभी राज्य में धार्मिक सभाओं को मंजूरी देने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है।

स्कूल फीस पर अदालती अड़ंगा
बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है  जिसमें सभी शिक्षण संस्थानों से कहा गया था कि वे कोविड-19 के चलते अकादमिक वर्ष 2020-2021 की फीस न बढ़ाएं। राज्य सरकार ने 8 मई, 2020 को यह शासनादेश जारी किया था जिसमें सभी संस्थानों को वर्ष 2019-20 की बकाया फीस या वर्ष 2020-21 की पूरी फीस एक बार में नहीं लेने का निर्देश दिया गया था। हालांकि माता-पिता को विकल्प दिया गया था कि वे मासिक या त्रैमासिक आधार पर इसे जमा कर सकते हैं। सरकार के निर्देश से नाखुश कई शिक्षण संस्थानों ने उच्च न्यायालय का रुख करते हुए इसे रद्द करने की अपील की थी। न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश जारी कर सरकार के आदेश पर रोक लगा दी।

First Published : June 27, 2020 | 12:24 AM IST