पर्यावरण और सुरक्षा संबंधित मसले देश भर में जलविद्युत परियोजनाओं के विकास में रोड़ा बन रही हैं।
इन्हीं मसलों पर विरोध को देखते हुए ही सरकार को 12 वीं पंचवर्षीय योजना में अतिरिक्त क्षमता के विकास लक्ष्य को 5,000 मेगावाट तक कम करना पड़ा है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि पर्यावरण और सुरक्षा संबंधी मसलों का खामियाजा जलविद्युत परियोजना को उठाना पड़ रहा है।