कांग्रेस अलग तो शिवसेना-राकांपा मिलकर चुनाव लड़ने के पक्ष में

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:42 AM IST

महाविकास अघाडी सरकार के घटक दलों के बीच दरार बढ़ती जा रही है। सत्ता में सहयोगी दल कांग्रेस की नाराजगी की खबरें हर दिन आ रही है। अगला चुनाव कांग्रेस अलग लड़ने की बात कर रही है, जबकि राकांपा और शिवसेना का मानना है कि भाजपा को हराना है तो मिलकर चुनाव लड़ना होगा । आपसी नाराजगी को शांत करने के लिए महाराष्ट्र सरकार मंत्रिमंडल में फेरबदल करने की तैयारी में है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के कुछ मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है और उनके जगह कांग्रेस के नेताओं को मंत्रिपद की जिम्मेदारी दी जाएगी। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। मंत्रिमंडल में कांग्रेस के किन नेताओं को शामिल करना है और किनको बाहर करना है, इसकी सहमति कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से लिया जा चुका है। जिसकी घोषणा जल्द किया जाना है। मंत्रिमंडल में फेरबदल पर नाना पटोले कुछ भी कहने से इनकार कर दिया लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) पर एक बार हमला बोलते 2024 में अकेले चुनाव लड़ने के संकेत दिया । पटोले ने कहा कि 2014 में उनकी पार्टी के साथ धोखा किया गया था और वह अब उसी को ध्यान में रखकर 2024 के आम चुनाव की तैयारी कर रही है। पटोले ने यह भी कहा कि उन्हें विपक्षी भाजपा को निशाना बनाने का दायित्व दिया गया था, शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा या शिवसेना को नहीं। उल्लेखनीय है कि शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस तीनों मिलकर महाराष्ट्र में सरकार चला रहे हैं।
वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन धीरे-धीरे यह विधायकों की संख्या के मामले में चौथे स्थान पर खिसक गई। पटोले ने कहा कि 2024 में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार केंद्र में आएगी। भाजपा ने समूचे राष्ट्र को बिक्री के लिए रख दिया है। लोग महामारी से पीड़ित हैं। महंगाई बढ़ने से उनकी स्थिति खराब होती जा रही है। राष्ट्रीय स्तर पर केवल कांग्रेस ही भाजपा की जगह ले सकती है। जबकि राकांपा और शिवसेना नेताओं का मानना है कि भाजपा को हराना है तो विपक्ष को एकजुट रहना होगा।
तीसरे मोर्चे के गठन की अटकलों के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि 2024 के आम चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाना और किसी एक चेहरे पर आम सहमति बनाना मुश्किल काम है क्योंकि हर क्षेत्रीय दल खुद को राजा मानता है और अपने हिसाब से चीजों को तय करने की कोशिश करता है। हालांकि उन्होने कहा कि राकांपा प्रमुख शरद पवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबला करने के लिए सही उम्‍मीदवार हैं। 2024 चुनाव में बिना किसी बड़े चेहरे के नरेंद्र मोदी को हराना मुश्किल होगा। ऐसे में शरद पवार उचित विकल्‍प हैं। राउत ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस के बड़े नेता हैं, लेकिन उनसे भी बड़े नेता अभी मौजूद हैं। कांग्रेस में भी लीडरशिप को लेकर संकट है, इसीलिए अभी तक वहां पार्टी अध्‍यक्ष नहीं चुना जा सका है।
पटोले ने हाल में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि एमवीए सरकार उनकी जासूसी करा रही है। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी के बढ़ते प्रभाव की वजह से शिवसेना और राकांपा के पैरों तले की जमीन खिसक रही है। नाना पटोले के साथ कांग्रेस के कई नेताओं का भी राकांपा पर भरोसा नहीं है। उनका मानना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में राकांपा के निर्णय से भाजपा को लाभ हुआ जिसने 122 सीट जीती थीं और सरकार बनाने का दावा किया था। गौरतलब है कि राकांपा ने तब सरकार बनाने के लिए भाजपा को बाहर से समर्थन दिया था और कहा था कि वह ऐसा महाराष्ट्र के हित में और राज्य के विकास के लिए कर रही है। हालांकि, तब भाजपा ने शिवसेना के समर्थन से सरकार बना ली थी। भाजपा और शिवसेना का गठबंधन 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद टूट गया था क्योंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी मुख्यमंत्री का पद दिए जाने पर अड़ गई थी।

 

First Published : July 14, 2021 | 11:56 PM IST