पल्स ऑक्सीमीटर, इन्फ्रारेड थर्मामीटर खरीद पर एसआईटी गठित

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 2:17 AM IST

कोरोना संकट के दौर में आपदा में अवसर तलाशने वाले उत्तर प्रदेश के अधिकारियों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजरें टेढ़ी हो गई हैं। प्रदेश के कई जिलों में महामारी से बचाव के उपायों के तहत की गई खरीद में गड़बड़ी को लेकर एसआईटी जांच के आदेश दिए गए हैं। कोरोना संकट से रोकथाम के लिए प्रदेश के दर्जन भर जिलों की ग्राम पंचायतों में ऊंची कीमतों पर पल्स ऑक्सीमीटर और इन्फ्रारेड थर्मामीटर की खरीद की शिकायतें खुद जनप्रतिनिधियों ने की हैं।
मुख्यमंत्री ने सुल्तानपुर और गाजीपुर सहित कुछ अन्य जिलों की ग्राम पंचायतों में पल्स ऑक्सीमीटर तथा इन्फ्रारेड थर्मामीटर की बाजार मूल्य से अधिक दर पर खरीद किए जाने के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए इस मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश सरकार की ओर गठित यह एसआईटी अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार की अध्यक्षता में जांच करेगी। सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग अमित गुप्ता और सचिव नगर विकास विकास गोठलवाल को इस एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है। एसआईटी पूरे प्रकरण की जांच कर 10 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने इसी साल 23 जून को कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में पल्स ऑक्सीमीटर, इन्फ्रारेड थर्मामीटर तथा सैनेटाइजर का एक सेट राज्य वित्त आयोग की धनराशि से खरीदने के निर्देश दिए थे। हालांकि इस आदेश के बाद सुल्तानपुर, गाजीपुर सहित कई जिलों की ग्राम पंचायतों में इन उपकरणों को बाजार मूल्य से काफी ज्यादा कीमत पर खरीदने का मामला सामने आया है। कोरोना काल में हुई इस खरीद में घोटाले के आरोपों में अब तक गाजीपुर और सुल्तानपुर के जिला पंचायती राज अधिकारियों को निलंबित किया गया है।

First Published : September 11, 2020 | 12:17 AM IST