उप्र के बागों में आएगी बहार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 5:29 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान छोटी सिंचाई परियोजनाओं के दायरे में 22,000 हेक्टेयर बागवानी जमीन को शामिल करने का लक्ष्य तय किया है।


आधिकारिक सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया है कि इसके लिए केन्द्र सरकार से 21.15 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है।इस योजना के दायरे में फिलहाल 5,000 हेक्टेयर बागवानी जमीन आती है। इनमें से ज्यादातर जमीन पर आम और अमरूद के पेड़ लगाए गए हैं। राज्य सरकार ने इस योजना को अधिक व्यापक बनाने का फैसला किया है और बागवानी फसलों के महत्व को देखते हुए, इन फसलों तक सिंचाई सुविधा मुहैया करने को प्राथमिकता दी जाएगी।


इस योजना के तहत ड्रिप और फव्वारा सिंचाई दोनों ही शामिल हैं और यह केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित है। इस योजना के लिए केन्द्र सरकार 80 प्रतिशत सब्सिडी देती है जबकि शेष 20 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को जुटानी पड़ती है।


 इस योजना के तहत सरकार बागवानी के लिए छोटी सिंचाई परियोजनाओं की स्थापना के लिए अधिकतम 50 प्रतिशत की सब्सिडी देती है। सब्सिडी की रकम अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग है। जैसे पत्तेदार सब्जियों की खेती के लिए  अधिकतम 38,000 रुपये की सब्सिडी दी जाती है जबकि केले के लिए यह राशि 31,600 रुपये है। अमरूद के लिए अधिकतम 17,000 रुपये और आम की खेती के लिए 10,000 रुपये हासिल किए जा सकते हैं।


छोटी सिंचाई परियोजनाओं से जमीनी पानी का सही इस्तेमाल और बचत के अलावा किसानों को कई और भी फायदे हैं। इसके जरिए उत्पादकता में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है और धांसफूस को रोकने में मदद मिलती है। छोटी सिंचाई प्रणाली के जरिए खेतों में एक समान सिंचाई की जाती है जो उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक है।


आमतौर पर देखने में आता है कि उत्तर प्रदेश में किसान सिंचाई के लिए नई  प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए तैयार नहीं होते हैं। इसकी एक वजह जमीन के पानी का गिरता स्तर है जबकि महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भूजल का स्तर अपेक्षाकृत ऊंचा है।


उत्तर प्रदेश में यह योजना इस समय 26 जिलों में चलाई जा रही है। इनमें गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, अगरा, मथुरा, मैनपुरी, इटावा, उन्नाव, कन्नौज, लखनऊ, राय बरेली, सुल्तानपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, वाराणसी, गाजीपुर, बरेली, गोरखपुर, सिद्धार्थ नगर और बस्ती शामिल हैं।


राज्य सरकार बाकी 44 जिलों में भी इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने की योजना बना रही है। उत्तर प्रदेश देश के प्रमुख कृषि और बागवानी उत्पादक राज्यों में शामिल है। यहां आम, गन्ना, गेहूं, चावल और फलों की पैदावार बहुतायत से होती है।

First Published : April 1, 2008 | 10:54 PM IST