डूबने लगे प्रॉपटी डीलरों के सितारे

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 3:40 AM IST

रियल एस्टेट की मंदी से न केवल रियल्टी कंपनियों की हालत पतली है, बल्कि प्रॉपर्टी डीलरों का कारोबार भी पस्त है।


पिछले छह महीने में दिल्ली में लगभग 400 से 500 प्रॉपर्टी डीलरों ने अपना काम बंद कर नए धंधें को तलाशना शुरू कर दिया है।

एसोसिएशन ऑफ सर्टीफाइड रियलटर्स ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने बताया कि ‘मंदी से अंसगठित तौर पर प्रॉपर्टी के लेन-देन से जुड़े प्रॉपर्टी डीलरों की किस्मत भी फूट गई है। दिल्ली में लगभग 2000 से 2500 प्रॉपर्टी डीलर अंसगठित तरीके से प्रॉपर्टी के कारोबार से जुड़े है। इनमें से ज्यादातर अंपजीकृत भी है।

इनका मुख्य काम जमीन और मकान की खरीद-फरोख्त में कमीशन लेने वाले बिचौलिये का होता है। लेकिन रियल एस्टेट में मांग न होने कारण इनका धंधा चौपट हो रहा है। बहुत से प्रॉपर्टी डीलरों ने रोजगार के दूसरे धंधों की तलाश शुरू कर दी है।’

दक्षिणी दिल्ली में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम देखने वाले विजेंदर बताते है कि ‘पिछले छह महीनों में प्रॉपटी बाजार में 80 फीसदी की कमी आई है। लोग मकान खरीदना नहीं चाहते है। हमारे लिए मकानों की डील में 1 फीसदी कमीशन निकालना भी मुश्किल होता जा रहा है। पिछले साल नवंबर के महीने में मैंने लगभग 15 मकानों की डील करवाई थी। लेकिन इस बार  अक्टूबर से अब तक सिर्फ दो डील ही हो पाई है। इन डील का कमीशन भी पिछले साल मिले कमीशनों की अपेक्षा 30 से 40 फीसदी कम रहा है।’

द्वारका के होम एक्सप्लोरेशन प्रॉपटी डीलर्स के राम सिंह त्यागी बताते है कि ‘इस समय लोग केवल किराये के मकान ढूंढ रहें हैं। किराये के मकानों की डील से मिलने वाले पैसे से महीने भर का गुजारा चलाना मुश्किल होता जा रहा है। इसलिए हमें दूसरे धंधों की तरफ मुखातिब होना पड़ रहा है। प्रॉपर्टी क्षेत्र के हालात सुधर जाने के बाद हम प्रापर्टी डीलिंग की शुरूआत शायद फिर से कर सकते है।’

First Published : November 17, 2008 | 12:39 AM IST